बेतिया । बिहार के बेतिया सहित अन्य नगर निकाय के कर्मियों की मार्च 2020 से अब तक तीन बड़ी हड़तालें हुई हैं। तीसरी हड़ताल 11वें दिन अभी भी जारी है। जबकि छोटे-छोटे और कई हड़ताल हुए हैं। नगर निकाय कर्मियों के इन हड़तालों में माननीय पटना उच्च न्यायालय ने अब तक तीन बार हस्तक्षेप किया है और सरकार को दिशा निर्देश भी जारी किया है। इन तीनों हड़ताल के दौरान विभाग के वर्तमान प्रधान सचिव ही विभागाध्यक्ष के रूप में रहे हैं।उक्त बातें बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के जिला सचिव कॉमरेड रविंद्र कुमार 'रवि' नगर निगम कर्मचारी संघ के संयोजक विनय कुमार बागी ने संयुक्त व्यान में कही। नेताद्वय ने कहा कि इस बार हड़ताल की नोटिस 16 जुलाई 2022 को दिया गया था। जबकि हड़ताल की तिथि 27 अगस्त 2022 को निर्धारित थी। हालांकि 13 अगस्त को एक दिन का सांकेतिक हड़ताल एवं पटना में प्रदर्शन के द्वारा सरकार को ज्ञापन भी दिया गया था।इन सभी विभिन्न परिस्थितियों के बावजूद सरकार ने इस बार की हड़ताल की सूचना को भी बहुत हल्के में लिया। इनके रवैयै से यही लगता है कि प्रशासन में बैठे लोग इन मजदूरों की जायज मांगों अथवा कानूनी अधिकारों को पूर्व की तरह इसे जबरन दबाने और गुमराह करने वाली नीति पर ही कायम रहेंगे। नगर आयुक्त को आड़े हाथों लेते हुये नेताओं ने कहा की बेतिया में आयुक्त अपनी ऑफिसरशाही रौव दिखाते हुये आधा दर्जन कर्मचारियों को सस्पेंड और दर्जनों वार्ड जमादारों को तबादला कर अन्याय किये हैं। नेताओं ने कहा कि कुछ लोगों कहते हैं कि सफाई कर्मियों ने बेतिया को नरक में तब्दील कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि यह ताकत इन सफाई कर्मियों को ही है कि वे इस नरक को स्वर्ग के रूप में तब्दील कर सकते हैं। आगे उन्होंने कहा की गंदगी बढ़ जाए तो सफाई मजदूरों ने साफ नहीं किया और चकाचक हो जाए तो इन अधिकारियों ने करा दियें।वाह रे व्यवस्था वाह।यह हड़ताल अब इसी व्यवस्था के खिलाफ निर्णायक लड़ाई है। नगर निगम कर्मचारी संघ के नेता अशर्फी राउत,जुगनू कुमार ने कहा की इस बार की लड़ाई सरकार से आर पार की है।11सूत्रीं मांगों को माने जाने तक बेतिया नगर निगम में हड़ताल जारी रहेगी।मौके पर मोहन प्रसाद, नागेंद्र प्रसाद, रंजीता कुमारी,अजय तिवारी, लक्ष्मण राउत,बादल कुमार,सुभाष राउत,प्रदीप राम,फिरोज खान, माला देवी,श्याम प्रसाद आदि सैकड़ों कर्मचारी मौजूद रहें।
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