बेतिया। बगहा-02 प्रखंड के बैरागी सोनवर्षा पंचायत के बैराटपुर पंचायत भवन में आज आदिवासी शिल्पकार मेला का सफल आयोजन किया गया। इस मेला में 60 शिल्पकारों के द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पाद यथा-मूंज की डलिया, झाड़ू, शॉल, चटाई, पटेर, मोथी की चटाई, खजुर एवं पलवत का झाड़ू, बेडसीट, मधु, बांस से बने होम डेकोरेशन की कलाकृति आदि प्रदर्शित हुआ। आदिवासी शिल्पकार मेला में आसपास के ग्रामीणों ने बढ़चढ़ कर खरीदारी की। आदिवासी शिल्पकार मेला का विधिवत उद्घाटन फीता काटकर जिलाधिकारी, कुंदन कुमार द्वारा किया गया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक, बेतिया, उपेन्द्र नाथ वर्मा, सहायक समाहर्ता, शिवाक्षी दीक्षित, एसडीएम, बगहा, दीपक कुमार मिश्रा, वरीय उप समाहर्ता, रवि प्रकाश, जिला कल्याण पदाधिकारी,कमलेश कुमार सिंह, ट्रायफेड के रिजनल मैनेजर, झारखंड-बिहार, शैलेन्द्र कुमार राजू आदि उपस्थित रहे।इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा शिल्पकारों के कल्याण एवं उत्थान के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। परंपरागत पद्धति को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से जोड़ कर थरुहट में बने सामानों का प्रसार कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि लेटेस्ट डिजाइनिंग के लिए शिल्पकारों को बेहतर तरीके से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि थरूहट क्षेत्र के शिल्पकारों के परंपरागत एवं आकर्षक प्रोडक्ट्स की बेहतर तरीके से मार्केटिंग की व्यवस्था करना अतिआवश्यक है ताकि शिल्पकारों की आर्थिक उन्नति हो सके। उन्होंने कहा कि थरूहट के शिल्पकार परंपरागत प्रोडक्ट्स को बनाने में काफी मेहनत कर रहे हैं, जो सराहनीय है। जिला प्रशासन यह प्रयास करेगा कि नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से इनके प्रोडक्शन में इजाफा हो।
जिलाधिकारी द्वारा आदिवासी शिल्पकार मेला में लगाये गये विभिन्न स्टॉलों का बारी-बारी से मुआयना किया गया। इस दौरान शिल्पकारों को ब्रांड नेम का टैग लगाने की सलाह दी गयी ताकि उनके बनाये गये प्रोडक्ट्स को लोग जाने-पहचाने। उन्होंने कहा कि प्रोडक्ट्स में ब्रांड का नाम, कांटेक्ट एड्रेस, मोबाईल नंबर, ई-मेल आदि को भी अटैच करें।
ट्रायफेड के रिजनल मैनेजर, झारखंड-बिहार, शैलेन्द्र कुमार राजू ने बताया कि हमलोग थरूहट क्षेत्र के शिल्पकारों के प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग के लिए सहायता करेंगे। शिल्पकारों से सैम्पल लेंगे तथा दिल्ली विभाग को भेजेंगे। उन्होंने बताया कि 111 शोरूम एवं डॉटकॉम पोर्टल के माध्यम से भी थरूहट के शिल्पकारों के बनाये गये विभिन्न प्रोडक्ट्स की बिक्री कराने की व्यवस्था की जायेगी। साथ ही शिल्पकारों को डिजाईन डेवलपमेंट ट्रेनिंग भी दिलाया जायेगा।
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