बेतिया। विभिन्न त्योहारों के दौरान नदियों, तालाबों में नहाने के क्रम में श्रद्धालुओं की मृत्यु डूबने से हो जाती है। इस पर रोकथाम लगाने के उदेश्य से जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समीक्षात्मक बैठक सम्पन्न हुई। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अनिल कुमार, सहायक समाहर्त्ता, शिवाक्षी दीक्षित, अपर समाहर्ता-सह-जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी,अनिल राय, वरीय उप समाहर्ता, रवि प्रकाश आदि अधिकारी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने कहा कि त्यौहारों के दौरान डूबने की घटनाओं पर रोकथाम के लिए कारगर कार्रवाई करने की आवश्यकता है। जन जागरूकता एवं क्षमतावर्धक के माध्यम से भी डूबने की घटनाओं को कम किया जा सकता है। इस दिशा में कारगर कार्रवाई की जाय। उन्होंने निदेश दिया कि जिला, अनुमंडल, अंचल स्तर पर यह अध्ययन कर संवेदनशील नदी, नहर, तालाब, गढ्ढ़ा आदि को चिन्हित किया जाय। इन चिन्हित स्थानों को सुरक्षित करने के कारगर उपाय जैसे खतरनाक स्थल का बैरिकेटेड साइन बोर्ड आदि अधिष्ठापन कराया जाय। ऐसे स्थानों पर सघन जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाय। उन्होंने कहा कि सामुदायिक वालन्टियर्स को पूर्व में प्रशिक्षित कराया गया है। इन सभी का भी उपायोग इस कार्य में किया जाय। इन्हें चिन्हित स्थलों के आसपास गांव में जहां के लोग उस स्थल पर त्योहार पर शामिल होते हैं, के बीच जन-जागरूकता एवं क्षमतावर्धन कार्यक्रम चलाया जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि खतरनाक जगहों पर बैनर, होर्डिंग, फ्लेक्स लगातार लोगों को आगाह किया जाय। अवैध एवं गलत तरीके से बालू खनन एवं मिट्टी काटने के कारण भी डूबने की घटनाएं हो सकती है, इन पर अंकुश लगाया जाय। साथ ही एसडीआरएफ की टीम के माध्यम से भी क्षमतावर्धन कार्य सुनिश्चित कराया जाय।
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