भारतीय संविधान के प्रस्तावना का सामूहिक पाठ और स्वतंत्रता आन्दोलन की गौरवशाली विरासत को समृद्ध करने और एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक गणतंत्र के लिए संघर्ष तेज करने का लिया संकल्प
1942 में पटना स्थित सचिवालय पर झंडा फहराते हुए 7 नौजवान आज के दिन ही शहीद हुए थे. वही शहीद खुदीराम बोस के शहादत दिवस भी आज हैं, इन्हें और आज़ादी आंदोलन के सभी शहीदों को याद करने व उनके सपनों को पूरा करने का भाकपा माले ने तिरंगा झंडा के साथ लिया संकल्प,
भाकपा माले का यह आजादी मार्च बेतिया हरिवाटिका चौक से होते हुए कचहरी रोड़, तीन लालटेन चौक, लाल बाजार, सोवा बाबू चौक होते शहीद पार्क पहुँचा, जहां नेताओं द्वारा शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित किया गया, सबसे पहले संविधान के प्रस्तावना का सामुहिक पाठ किया गया। आजादी के सभी शहीदों अमर रहें!सभी शहीदों को लाल सलाम! संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ! शहीदों के सपनों का भारत बनाओ! आदि नारा लगाते रहें,
अंत में भाकपा माले नेता सुनील कुमार राव,बैरिया मुखिया नवीन कुमार, सुरेन्द्र चौधरी, ठाकुर साह, हारून गद्दी, रविन्द्र कुमार रवि,इनौस जिला अध्यक्ष फरहान राजा, संजय मुखिया, डाक्टर अफजल, अफाक आलम,और इनौस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सामूहिक संकल्प लिया जो इस प्रकार है,
“हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर भारत को ब्रिटिश उपनिवेशवाद के पंजे से आजाद कराने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को पूर्ण सम्मान देते हुए अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं. आजादी के आन्दोलन ने हमें भारत को संविधान में उल्लिखित लक्ष्यों के अनुरूप सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक गणतंत्र की ओर ले जाने वाले विचारों और संघर्षों की महान विरासत दी है. आज हम अपने गणतंत्र की संवैधानिक नींव एवं ढांचे पर, भारत की साझा संस्कृति एवं सामाजिक तानेबाने पर, आम जनता के जीवन एवं आजीविकाओं पर और असहमति व्यक्त करने वाले नागरिकों की स्वतंत्रताओं पर, अभूतपूर्व हमले होते हुए देख रहे हैं. ऐसे में हम संकल्प लेते हैं कि स्वतंत्रता आन्दोलन की गौरवशाली विरासत को समृद्ध करेंगे और एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक गणतंत्र के लिए संघर्ष तेज करेंगे.”
कार्यक्रम को संचालित करने वालों में भाकपा माले नेता यूसुफ जावेद, आतिफ़ खां, सलामत तनवीर, मदन राम,मजीद उमर. जावेद,मंजारूल, अनवारूल आदि
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