भाकपा-माले ने सुकन्या विवाह उत्सव भवन बेतिया और शेखवना पार्टी कार्यालय में नक्सलबाड़ी किसान विद्रोह के महान शिल्पी और भाकपा माले के संस्थापक महासचिव कामरेड चारु मजूमदार का पचासवां शहादत दिवस मनाया है. पहले चलचित्र पर पुष्पाजंली कर एक मिनट का शोकश्राध्दजंली अर्पित किया,
भाकपा-माले राज्य कमिटी सदस्य सुनील यादव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे लिए यह 28 जुलाई का दिन भारत के क्रांतिकारी कम्युनिस्ट आन्दोलन में उनके गौरवशाली योगदान से प्रेरणा लेने का अवसर है. साथ ही चारू मजूमदार की पार्टी को मजबूत और उसे आज की चुनौतीपूर्ण परिस्थिति के अनुरूप हर तरह से समर्थ बनाने का संकल्प लेने अवसर भी है.
आगे कहा कि इन पांच दशकों में तीखे राज्य दमन, सामंती व राजनीतिक हिंसा, कभी-कभार राजनीतिक रुकावटों और वैचारिक चुनौतियों का सामना करते हुए हमने पार्टी को सफलतापूर्वक अग्रगति दी है.
भाकपा-माले जिला कमिटी सदस्य रविन्द्र कुमार रवि ने कहा कि आज चारू मजूमदार की शहादत के पचासवें वर्ष में हम स्वयं को एक असाधारण परिस्थिति के बीच देख रहे हैं. न केवल जनता का जीवन, जीवनयापन के साधन और स्वतंत्रताओं पर गम्भीर खतरा मंडरा रहा है, बल्कि गणतंत्र को धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र की संवैधानिक प्रतिबद्धता से वंचित कर फासीवादी हिन्दूराष्ट्र के पिंजरे में कैद किया जा रहा है. क्रांति के सपने को पूरा करने के लिए जिस पार्टी का जन्म हुआ उसे अब इस अभूतपूर्व विपत्ति का सामना कर रहे गणतंत्र को बचाने व उसका पुर्ननिर्माण करने के कार्यभार को नेतृत्व देना होगा. इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने के लिए हमें पार्टी को सांगठनिक, राजनीतिक एवं वैचारिक तौर पर मजबूत बनाना होगा. आइये इसी उद्देश्य को हासिल करने के लिए एक समर्पित अभियान की शुरूआत करें जिसका समापन अगले साल फरवरी में पटना में होने वाले पार्टी के ग्यारहवें महाधिवेशन में हो. प्रत्येक पार्टी सदस्य, ब्रांच और कमेटी पार्टी महाधिवेशन को सफल बनाने के लिए जी जान से लग जाने का आह्वान किया, इनके अलावा इनौस जिला अध्यक्ष फरहान राजा, प्रकाश माझी, मदन राम, सुकन राम, आरिफ़ आलम, नवी हुस्सैन, जंगाली माझी, ठाकुर पटेल, देवकी राम, गुडू राम, रामचन्द्र यादव,शंकर राम, आदि नेताओं ने भी सम्बोधित किया
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