पटना उच्च न्यायालय ने अनुदानित कॉलेजों पर लगे अनुदान पर रोक को निरस्त करते हुए वंचित 138 कालेजों में भी नामांकन लेने की अनुमति दी है

बेतिया | शिक्षक नेता ,संरक्षक अनुदान नहीं वेतनमान फॉर्म बिहार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सूचना दी है के पटना हाई कोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जारी तीन अक्टूबर 2021और 22 जून 2022 की अधिसूचना को निरस्त कर दिया है बोर्ड ने 138 कालेजों में नामांकन पर रोक के साथ अनुदान पर भी रोक लगा दिया था। ज्ञात हो बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष ने एक तुगलकी फरमान जारी कर बिहार के पुराने 1994 एक्ट के तहत मान्यता पाने वाले कालेजों की मान्यता समाप्त कर दी थी और इन्हे पुन जांच नए नियमावली 2011 के आधार पर करने के लिए दिसंबर 2021 तक का समय दिया था पुन इसे विस्तारित करते हुए दिसंबर 2022 अंतिम समय निर्धारित किया था और कुल 599 कालेजों में से 461वैसे कालेज जिन्होंने 31 दिसंबर 2021 तक जांच शुल्क जमा किया था उन्हे ही सत्र 2022/24 में नामांकन का आदेश दिया था और 138 वैसे कालेज जिन्होंने उनके आदेश का पालन नहीं किया था उन्हे नामांकन लेने पर रोक तथा अनुदान देने पर भी रोक लगा दी थी। अनुदान नहीं वेतन मान फॉर्म ने सरकार के तुगलकी फरमान के खिलाफ एक cwjc case 3365/21संयुक्त रूप से 16 कॉलेजों ने दायर किया था जिसमे प चंपारण से जीएम कालेज बेतिया भी शामिल था। पटना उच्च न्यायालय के न्याधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने अपने जजमेंट में दूध का दूध पानी को पानी करते हुए सरकार के तुगलकी फरमान को निरस्त करते हुए सभी अनुदानित कॉलेजों पर लगे अनुदान पर रोक को निरस्त करते हुए वंचित 138 कालेजों में भी नामांकन लेने की अनुमति दी है। साथ ही पूर्व में मिले मान्यता को वैध ठहराया है। मैं परवेज आलम माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए बिहार कर सभी अनुदानित कॉलेजों के कर्मियों को बधाई देता हूं अनुदान नहीं वेतनमान फॉर्म के सभी साथियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं आज उनके परिश्रम और जुझारूपन का ही परिणाम है कि वितरहीत कर्मियों के पक्ष में आदेश आया ह

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