बिहार विधान सभा सचिवालय द्वारा जिला मुख्यालय में एक दिवसीय कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न


बेतिया। राष्ट्र मंडल संसदीय संघ, बिहार शाखा के तत्वाधान में बिहार विधान सभा भवन शताब्दी वर्ष एवं भारत अमृत महोत्सव के अवसर पर विजय कुमार सिन्हा, अध्यक्ष, बिहार विधान सभा की अध्यक्षता में आज समाहरणालय सभाकक्ष में एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक-पुलिस अधिकारियों एवं बुद्धिजीवियों के साथ सामाजिक, नैतिक संकल्प विषय पर विमर्श किया गया। साथ ही अपराध मुक्त अभियान, महिला उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना एवं घरेलु हिंसा उन्मूलन अभियान, बाल श्रम मुक्त अभियान, स्वच्छ भारत मिशन, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, योग एवं आयुर्वेद, जल संचय युक्त अभियान, विरासत युक्त अभियान आदि की समीक्षा विजय कुमार सिन्हा, अध्यक्ष, बिहार विधान सभा द्वारा की गयी। उप विकास आयुक्त, पश्चिम चम्पारण, अनिल कुमार द्वारा महिला उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना एवं घरेलु हिंसा उन्मूलन अभियान, बाल श्रम मुक्त अभियान, स्वच्छ भारत मिशन, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, योग एवं आयुर्वेद, जल संचय युक्त अभियान, विरासत युक्त अभियान आदि से संबंधित जिले मे किये जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से अध्यक्ष, बिहार विधान सभा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण को दिया गया। 

विमर्श कार्यक्रम के दौरान विजय कुमार सिन्हा, माननीय अध्यक्ष, बिहार विधान सभा, बिहार ने कहा कि हमारा परिवार पांच सामाजिक अभिशापों यथा-नशामुक्त, अपराध मुक्त, बाल श्रम मुक्त, बाल विवाह मुक्त, दहेज मुक्त हो। हमारा परिवार पांच सामाजिक वरदानों यथा-स्वच्छता युक्त, योग/आयुर्वेद युक्त, जल संचय युक्त, प्रकृति युक्त, विरासत युक्त हो साथ ही हमारा परिवार पांच सामाजिक सम्मानों यथा-डिजिटल साक्षर, स्वरोजगार प्रेरक, रोजगार सृजनकर्ता, सामाजिक योद्धा एवं सेवा समर्पणदाता से पूर्ण हो।

उन्होंने कहा कि नशा तमाम अपराधों की जननी है। हमे संकल्प लेना है कि मेरा परिवार नशामुक्त हो ताकि वर्तमान व आने वाली पीढ़ी को नशा से बचाया जा सके। परिसर के अभिभावकों को भी नशा को ना कर एक आदर्श उपस्थित करने और इस अभियान को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि दहेज अभिशाप है। दहेज मुक्त वातावरण बनायें। सरकार द्वारा दहेज प्रथा की रोकथाम के लिए कानून बनाये गये हैं। बिना दहेज के शादी करने वालों को प्रोत्साहित एवं सम्मानित किया जाय। सबको संकल्पित होना होगा कि हमारा परिवार दहेजमुक्त परिवार है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त, अपराध मुक्त, बाल श्रम मुक्त, बाल विवाह मुक्त, दहेज मुक्त समाज के निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों को भी आगे आना होगा और सामाजिक अभिशापों से मुक्ति के लिए अपनी सहभागिता देनी होगी। उन्होंने कहा कि विरासत युक्त अभियान को आगे बढ़ाने के लिए सभी को आगे आना होगा। जिला के वेबसाईट पर विरासतों की जानकारी अपलोड की जानी चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसकी जानकारी पहुंच सके। उन्होंने कहा कि विरासत हमे प्रेरणा देता है, इसे सुरक्षित रखना चाहिए। हमे विरासत को लेकर गौरान्वित होना चाहिए। 

विरासतों की संरक्षा एवं सुरक्षा जरूरी है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि अपने विरासत को संरक्षित एवं सुरक्षित रखे। विरासत को आगे बढ़ाना होगा। नई पीढ़ी को इस बारे में बताएं तथा इसे और आगे बढ़ाये। उन्होंने कहा कि जिस परिवार में कोई भी सदस्य अपना सुख त्याग कर औरों के लिए संकट में संघर्ष करे, महामारी, आपदा, बाढ़, सुखाड़, भूकंप, आकस्मिक दुर्घटना, सामाजिक, राष्ट्रीय संकट में मददगार बने, वह परिवार सम्मान का अधिकारी है। सर्वप्रथम समाज के अंदर युग का वाहक युवा वर्ग ही इससे निपटने का बीड़ा उठाते हैं। ऐसे सामाजिक योद्धाओं का सम्मान आवश्यक है। ऐसे लोगों का जब हम सम्मान करेंगे तो समाज में एक सकारात्मक माहौल बनेगा और इससे हमारे नौजवानों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक, नैतिक संकल्प लेते हुए नए राष्ट्र के निर्माण में गवाह नहीं बल्कि भागीदार बनें। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रयास करें कि हमारा परिवार डिजिटल साक्षर बने। जिस परिवार में कोई डिजिटल अनपढ़ न हो, सभी डिजिटल साक्षर हों, उसे सम्मान का अधिकार है। आज के दौर में डिजिटल साक्षर होना अतिआवश्यक है। आजकल कितना भी पढ़ा-लिखा व्यक्ति अगर डिजिटली साक्षर नहीं है तो यह अनपढ़ के समान है। 

उन्होंने कहा कि लोक

सेवक खुद को मालिक नहीं समझें। विधायिका की अवहेलना कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। उन्हें सरकार के द्वारा समय-समय पर विधायिका के प्रति विशेषाधिकार तथा सौजन्यता प्रदर्शित करने से संबंधित संकल्प तथा प्रपत्रों में निहित निर्देशों का पालन करना ही होगा। उन्हें सेवा और समर्पण का भाव मन में रखना ही होगा। बुद्धिजीवियों के साथ बैठक के दौरान श्री सिन्हा ने अभिभावक विहीन बच्चों को गोद लेने की अपील की ताकि वह राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें ।उन्होंने बैठक में चनपटिया स्टार्ट अप जोन से संबंधित उद्यमियों सहित अन्य प्रबुद्ध जनों को संबोधित किया। 

  अध्यक्ष, बिहार विधान सभा, बिहार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों, समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों, शिक्षकों, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका आदि को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। विमर्श के दौरान मृत्युंजय शर्मा, ओमप्रकाश पटेल, मनोज कुमार, ओबैदुल रहमान, किरण शंकर झा, सीता देवी सहित अन्य बुद्धिजीवियों द्वारा अपनी-अपनी बात रखी गयी। 

विमर्श कार्यक्रम की कार्यवाही उप विकास आयुक्त, पश्चिम चम्पारण के धन्यवाद ज्ञापन के साथ समाप्त की गयी। कार्यक्रम की शुरूआत राष्ट्रगान से प्रारंभ की गयी और कार्यक्रम की समाप्ति पर राष्ट्रगीत हुआ। इस अवसर पर सामाजिक, नैतिक संकल्प तथा बिहार विधान सभा से संबंधित लघु फिल्म का प्रसारण किया गया। इस अवसर पर सांसद, सतीश चन्द्र दूबे, सुनील कुमार, माननीया उपमुख्यंत्री, रेणु देवी, मंत्री, पर्यटन विभाग, नारायण प्रसाद, विधायक, श् राम सिंह, उमाकांत सिंह, विरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, रश्मि वर्मा, सहित नगर निकायों के माननीय सभापति गण, पंचायत समिति के माननीय प्रखंड प्रमुख, ग्राम पंचायतों के माननीय मुखियागण सहित अन्य माननीय सदस्य सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे। 

इसके पूर्व जिला निबंधन एवं परामर्श केन्द्र (डीआरसीसी) में बाल युवा संसद का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन विजय कुमार सिन्हा, माननीय अध्यक्ष, बिहार विधान सभा, बिहार द्वारा किया गया। उक्त कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा उत्साहपूर्वक भाग लिया गया। सफलतापूर्वक बाल युवा संसद के समापन पर श्री सिन्हा सहित अन्य माननीय जनप्रतिनिधिगण द्वारा प्रसन्नता जाहिर की गयी।

इस अवसर पर बिहार विधानसभाके अध्यक्ष ने कहा कि “बच्चे हमारे कर्णधार और देश के भविष्य हैं। बाल युवा संसद के आयोजन से लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी समझ बढ़ेगी और लोकतंत्रीय व्यवस्था में उनका विश्वास भी बढ़ेगा। हमने आजादी के 75 वर्षों में केवल अधिकार की बातें की हैं। समय आ गया है कि हमसब अब अगले 25 वर्षों तक हमें अपने अधिकारों के स्थान पर अपने कर्तव्यों का सम्यक् निर्वहन कर राष्ट्र निर्माण में अपनी सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाकर भारत को विश्व गुरू बनायें और और महान संत विवेकानंद की उस भविष्यवाणी को सच साबित करें जिसमें उन्होंने 19वीं सदी में कहा था कि 21वीं सदी भारत का होगा और भारत विश्व गुरू बनेगा। हम देश की नई पीढ़ी को एक मजबूत तथा विकसित राष्ट्र भेंट करें। ऐसा कर ही हम संविधान निर्माताओं तथा स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।“ इससे पहले उन्होंने प्रदेश की उप मुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, सांसद, डॉ संजय जायसवाल, सतीशचंद्र दुबे और सुनील कुमार सहित जिले के अन्य माननीय विधायकों के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। श्री सिन्हा ने कहा कि चंपारण का इतिहास हमें गौरवान्वित करता है। यह वही पवित्र भूमि है, जिसके एक साधारण किसान पंडित राज कुमार शुक्ल के असाधारण हठ और प्रयास ने मोहनदास करमचंद गाँधी जी को महात्मा बनाया तथा आजादी के लड़ाई की दिशा बदल दी। यह महर्षि बाल्मीकि की भूमि तथा जगत जननी माता सीता की आश्रयस्थली है।इस पवित्र भूमि को मैं नमन करता हूँ ।बाल युवा संसद के दौरान पश्चिम चंपारण के विभिन्न विद्यालयों के बच्चे सम्मिलित हुए थे। बाल युवा संसद की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई। बच्चों ने बाल युवा संसद के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर सवाल पूछे। इस दौरान शून्य काल और ध्यानाकर्षण भी हुआ। बच्चों ने संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों पर वाद-विवाद में भागीदारी भी की। प्रश्नकाल की समाप्ति के पूर्व विस अध्यक्ष श्री सिन्हा ने जिला के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से एक-एक बच्चों से उनके क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण कमियों पर प्रश्न पूछने का मौका दिया और सत्ता पक्ष से इसका उत्तर भी पूछकर माहौल को रोचक बनाया। बाल युवा संसद के खत्म होने के पूर्व सभी माननीय सदस्यों ने भी अपना संक्षिप्त संबोधन किया। अंत में बाल युवा संसद में भाग लेने वाले बच्चों को विधानसभा अध्यक्ष श्री सिन्हा ने इससे संबंधित प्रमाणपत्र दिया। कार्यक्रम के समापन के पूर्व उस सभागार में उपस्थित बच्चों, जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को विधानसभा अध्यक्ष ने सामाजिक नैतिक संकल्प अभियान (हमारा परिवार पांच सामाजिक अभिशापों से मुक्त-अपराध मुक्त, दहेज मुक्त, बाल श्रम मुक्त, बाल विवाह मुक्त, नशा मुक्त, पांच वरदानों से युक्त हमारा परिवार-स्वच्छतायुक्त, जल संचय युक्त, योग-आयुर्वेद युक्त, प्रकृति युक्त, विरासत युक्त तथा हमारा परिवार पांच सम्मानों से पूर्ण-डिजिटल साक्षर, स्वरोजगार प्रेरक, रोजगार सृजन कर्ता, सामाजिक योद्धा और सेवा समर्पणदाता) से संबंधित शपथ दिलाई। इसके बाद वह बाल्मीकि नगर के लिए प्रस्थान कर गये।

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