संभावित बाढ़ एवं कटाव से निपटने हेतु सभी तैयारियां ससमय करें पूर्ण : नितिन नवीन

मंत्री, पथ निर्माण निर्माण विभाग, बिहार सरकार-सह-प्रभारी मंत्री, पश्चिम चम्पारण की अध्यक्षता में बाढ़ पूर्व तैयारी, शहर में जलजमाव, जल-जीवन-हरियाली, पथ निर्माण विभाग के कार्यों की हुई समीक्षा

बेतिया। नितिन नवीन, मंत्री, पथ निर्माण विभाग, बिहार सरकार-सह-प्रभारी मंत्री, पश्चिम चम्पारण की अध्यक्षता में आज दिनांक-10.05.2022 को समाहरणालय सभाकक्ष में संभावित बाढ़ पूर्व तैयारी, शहर में जलजमाव, जल-जीवन-हरियाली, पथ निर्माण विभाग के कार्यों आदि की विस्तृत समीक्षा की गयी। इस अवसर पर माननीय सांसद, संजय जायसवाल, सुनील कुमार, सतीश चन्द्र दूबे, उपमुख्यमंत्री, बिहार, रेणु देवी, माननीय पर्यटन मंत्री, बिहार, नारायण प्रसाद, माननीय विधायक, राम सिंह, विरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, उमाकान्त सिंह, भागीरथी देवी, माननीय विधान पार्षद, भीष्म सहनी, सौरभ कुमार सहित सभी जिलास्तरीय पदाधिकारी, मुख्य अभियंता, जन संसाधन विभाग, सभी संबंधित कार्यपालक अभियंता आदि उपस्थित रहे। जिलाधिकारी, पश्चिम चम्पारण, बेतिया, कुंदन कुमार द्वारा पॉवर प्रजेंटेशन के माध्यम से उपरोक्त विषयों पर जिला प्रशासन द्वारा किये गये कार्यों की विस्तृत जानकारी माननीय प्रभारी मंत्री सहित अन्य माननीय जनप्रतिनिधिगण को दी गयी।

मंत्री, पथ निर्माण विभाग, बिहार सरकार-सह-प्रभारी मंत्री, पश्चिम चम्पारण ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा आसन्न बाढ़ एवं कटाव के मद्देनजर अबतक बेहतर कार्य किया गया है। आगे भी इसी तरह तत्परतापूर्वक कार्य होना चाहिए। बाढ़ एवं कटाव को लेकर लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि टीम वर्क के साथ कार्य करने पर हर कार्य आसान हो जाता है। सभी अधिकारियों को टीम वर्क की भावना के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने निदेश दिया कि जिले में अधिष्ठापित वर्षा मापक यंत्र तथा ऑटोमेटेड वर्षा मापक यंत्रों की 24×7 मॉनिटरिंग करना अनिवार्य है ताकि पूर्व में ही मौसम का हाल जानकर जिलेवासियों को सजग एवं सतर्क किया जा सके। उन्होंने निदेश दिया कि संभावित बाढ़ एवं कटाव के मद्देनजर प्रभावित होने वाले संवेदनशील स्थलों पर डिसेन्ट्रलाइज तरीके से सुरक्षात्मक सामग्री का भंडारण सुनिश्चित किया जाय ताकि विषम परिस्थिति में त्वरित गति से कारगर कार्रवाई की जा सके।

उन्होंने कहा कि संभावित बाढ़ के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह अलर्ट रहना है। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों विशेषकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डॉक्टरों, कर्मियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सहित दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। मोबाईल मेडिकल टीम को अपडेट रखा जाय। पशु चारा सहित पशु दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। इस हेतु टेंडर आदि की प्रक्रिया अविलंब पूर्ण करते हुए सामग्रियों का भंडारण सुनिश्चित किया जाय।

उन्होंने निदेश दिया कि जिले के क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मति त्वरित गति से कराई जाय ताकि लोगों को आवागमन में परेशानी नहीं हो। इसके साथ ही पुल-पुलियों के वेंट की अच्छे तरीके से साफ-सफाई सुनिश्चित की जाय। उन्होंने निदेश दिया कि क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मति एवं सभी वेंटों की सफाई 31 मई तक प्राथमिकता के साथ कर ली जाय। पेयजल की उपलब्धता की समीक्षा के दौरान उन्होंने निदेश दिया कि जिलेवासियों को शुद्ध पेयजल हर हाल में उपलब्ध होना चाहिए। अभी भी जहां-जहां के चापाकल खराब है, उसको त्वरित गति से ठीक कराया जाय। माननीय जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाये गये प्रश्न के आलोक में उन्होंने कहा कि पीएचईडी विभाग द्वारा जिन स्थलों पर खराब चापाकलों को ठीक कराया गया है, उसकी सूची माननीय विधायकों को उपलब्ध करायी जाय। साथ ही माननीय विधायक अपने क्षेत्रान्तर्गत खराब चापाकलों की सूची पीएचईडी विभाग को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे ताकि उनको तुरंत फंक्शनल कराया जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य कराने वाले कार्यकारी विभाग कार्य प्रगति का प्रतिवेदन माननीय विधायक को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।

उन्होंने कहा कि बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य सहित सड़कों के निर्माण, क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मति आदि में गुणवता का पूरा पालन होना चाहिए। किसी भी स्तर पर गड़बड़ी करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई निश्चित है। उन्होंने निदेश दिया कि नहर-नदी से जुड़े कार्यपालक अभियंता आपस में समन्वय स्थापित कर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को अविलंब कराना सुनिश्चित करेंगे।

जल-जीवन-हरियाली के क्रियान्वयन की समीक्षा के दौरान उन्होंने निदेश दिया कि यह बेहद महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इसका क्रियान्वयन तीव्र गति से पूर्ण पारदर्शी तरीके से होना चाहिए। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जिले के चौर, आहर, पईन आदि का जीर्णोंद्धार त्वरित गति से करायी जाय। साथ ही जो जल स्रोत अबतक अतिक्रमण के शिकार के उसको तुरंत अतिक्रमणमुक्त कराते हुए उनका जीर्णोद्धार कराया जाय।

उन्होंने कहा कि बाढ़ आपदा के समय कंट्रोल रूम सहित अन्य महत्वपूर्ण अधिकारियों, नाविकों आदि के नाम, मोबाईल नंबर आदि का बुकलेट के रूप में संबंधित विभागों को वितरण कराया जाय। साथ ही उक्त बुकलेट को पब्लिक डोमेन में भी सर्कुलेट कराया जाय ताकि आमजन को त्वरित गति से राहत पहुंचायी जा सके। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यक्रमों, बैठकों, आयोजनों में सभी संबंधित माननीय जनप्रतिनिधिगण को आमंत्रित किया जाना सुनिश्चित किया जाय। समीक्षा के क्रम में माननीय सांसद, संजय जायसवाल ने कहा कि एसएसबी के वैसे जवान जो पूर्व में एनडीआरएफ में थे, उनकी सूची तैयार कर ली जाय ताकि आवश्कता पड़ने पर उनकी सहायता बाढ़ बचाव कार्य में ली जा सके। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के माध्यम से नहर, नदी से सिल्ट निकालने का कार्य किया जा सकता है। सतीश चन्द्र दुबे द्वारा बताया गया कि करताहा नदी का गाईड बांध डैमेज हो गया है। काफी मात्रा में फसलों को नुकसान हुआ है। इससे दस गांवों के लोग प्रभावित हैं। सिंचाई विभाग द्वारा पूर्व में कार्य कराया गया है लेकिन इसका स्थायी समाधान किया जाना आवश्यक है। साथ ही पंडई नदी से तुमकड़िया गांव को भी बचाने की आवश्यकता है। माननीय सांसद, सुनील कुमार ने कहा कि भवानीपुर मौजा में जलनिकासी की व्यवस्था अत्यंत ही आवश्यक है। जलनिकासी की व्यवस्था समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण हजारों एकड़ भूमि प्रभावित है। बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों में गुणवता का पूरा पालन सुनिश्चित किया जाय। उपमुख्यमंत्री, बिहार, श्रीमती रेणु देवी ने कहा कि संभावित बाढ़ से निपटने के लिए सभी तैयारी पूर्व में ही कर ली जाय। जो भी संवेदनशील तटबंध है वहां सुरक्षात्मक कार्य बरसात के पूर्व कर लिया जाय। उन्होंने कहा कि 62 आरडी पुल की साफ-सफाई अविलंब करायी जाय। पर्यटन मंत्री, नारायण प्रसाद ने कहा कि जमुनिया पंचायत में जलजमाव होता है। कच्चा नाला बनाकर साईफन में मिलाने से समाधान हो जायेगा। माननीय विधायक श्री उमाकान्त सिंह ने कहा कि मनरेगा योजना का क्रियान्वयन पूर्ण पारदर्शी तरीके से कराया जाय। जल संचयन हेतु कारगर उपाय किया जाय। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण पुल-पुलियों का निर्माण भी कराया जाय। माननीय विधायक, विरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि पूर्व में जहां-जहां कटाव की स्थिति थी, वहां अच्छा कार्य कराया गया था। संभावित बाढ़ एवं कटाव के मद्देनजर वहां मिट्टी आदि से कार्य हो जाता तो मजबूती प्रदान होता। उन्होंने बताया कि महेशरा पुल पर एप्रोच बनाना जरूरी है, बरसात के दिन में आसपास के लोगों को काफी परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि प्रभावित स्थलों पर नाव, नाविकों एवं गोताखोरों की व्यवस्था की जाय। इसके साथ ही विधान पार्षद, भीष्म सहनी एवं सौरभ कुमार द्वारा भी अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं एवं सुझावों से अवगत कराया गया। समीक्षा के क्रम में बताया गया कि जिले के क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मति सहित वेंटों की साफ-सफाई युद्धस्तर पर करायी जा ही है। साथ ही बेतिया नगर निगम सहित जिले के अन्य नगर निकायों में जल निकासी की सुदृढ़ व्यवस्था हेतु आधुनिक मशीनों के माध्यम से मिशन मोड में नालों की उड़ाही एवं नालों के अतिक्रमण को हटाया जा रहा है। नालों के अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेजा गया है।

कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी द्वारा बताया गया कि जिलेवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु कार्य किया जा रहा है। खराब चापाकलों की मरम्मति हेतु 12 गैंग क्रियाशील है। साथ ही भिखनाठोरी में दो टैंकर पानी प्रतिदिन पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भिखनाठोरी में पेयजल हेतु 03 बोरिंग करने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गयी है।एसडीएम, नरकटियागंज द्वारा बताया गया कि सिकटा के नरकटिया गांव, सिकटा रेलवे स्टेशन के समीप दक्षिण भाग में कटाव की संभावना है। पूर्व के बाढ़ में मनरेगा के तहत सुरक्षात्मक कार्य कराया गया था। उन्होंने बताया कि मैनाटांड़ के बिरंची गांव का दोहरम नदी द्वारा कटाव करने की संभावना है। यहां फ्लड फाईटिंग कार्य कराना आवश्यक है। इसके साथ ही इनरवा आदि गांवों पर भी कटाव का खतरा है।मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग द्वारा बताया गया कि उपरोक्त स्थलों सहित अन्य संवेदनशील प्वाइंटों पर 01 जून से सुरक्षात्मक कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि गौनाहा प्रखंड अंतर्गत पंडित राजकुमार शुक्ल के प्रतिमा के पास सुरक्षात्मक कार्य चल रहा है। सोफा मंदिर के समीप भी 15 जून तक कार्य पूर्ण हो जायेगा।

जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले के सभी प्रखंडों में वर्षा मापक यंत्र पूरी तरह फंक्शनल है। साथ ही स्वचालित वर्षा मापक यंत्र जिले के सभी पंचायतों में लगाया गया है। प्रखंडवार वर्षा मापक यंत्र के मरम्मति एवं अन्य कार्यों की देखभाल जिला सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा की जा रही है।

उन्होंने बताया कि जिले के सभी अंचलों को कुल-49 नाव पूर्व में ही दिए गए हैं। 149 प्राईवेट नाव, 98 लाईफ जैकेट, 09 इनफ्लैटेबल मोटरबोट, 150 टेन्ट, 01 महाजाल उपलब्ध है। साथ ही 16400 पॉलीथिन शीट्स वेयर हाउस में सुरक्षित रखा गया है। उन्होंने बताया कि जिले में प्रशिक्षित गोताखोरों की संख्या 113, खोज बचाव एवं राहत दलों की संख्या 141 एवं चिन्हित शरण स्थलों की संख्या 190 है। साथ ही जिले के 10 स्थलों पर बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण पूर्ण करा लिया गया है। मंत्री, पथ निर्माण विभाग, बिहार सरकार-सह-प्रभारी मंत्री, पश्चिम चम्पारण ने कहा कि संभावित बाढ़ एवं कटाव के मद्देनजर माननीय जनप्रतिनिधियों द्वारा बताये गये संवेदनशील स्थलों पर त्वरित गति से बाढ़ सुरक्षात्मक उपाय करना सुनिश्चित किया जाय। इस कार्य में समस्या उत्पन्न होने पर तुरंत वरीय अधिकारियों को सूचित किया जाय ताकि इसका त्वरित निराकरण कराया जा सके। जिलाधिकारी, कुंदन कुमार द्वारा माननीय जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया गया कि उनके द्वारा दिये गये सुझाव पर जिला प्रशासन द्वारा समुचित कारगर कार्रवाई की जायेगी। धन्यवाद ज्ञापन उप विकास आयुक्त, अनिल कुमार द्वारा किया गया।

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