मझौलिया । गुरुवार को विधान परिषद के घोषित चुनाव परिणाम में राजद उम्मीदवार इंजीनियर सौरभ कुमार को 2160 मत, कांग्रेस के आफाक अहमद को 1630 मत तथा जदयू के उम्मीदवार तथा पिछले तीन बार से विधान पार्षद रहे राजेश राम को 815 मत मिले। इसके कारण इससे जहां पिछले अट्ठारह सालों का किला ध्वस्त हो गया ।वही राजद उम्मीदवार इंजीनियर सौरभ कुमार मस्त हो गए । ज्ञात हो कि पश्चिम चंपारण शुरू से ही भाजपा का गढ़ माना जाता है और बिहार में सरकार भी भाजपा जदयू गठबंधन की ही है ।ऐसी परिस्थिति में पश्चिम चंपारण से भाजपा जदयू गठबंधन के उम्मीदवार राजेश राम की बुरी तरह से हार कहीं न कहीं इस बात की ओर इशारा करती है तथा चुनाव पूर्व जो कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा के लोगों का इंजीनियर सौरभ कुमार के प्रति समर्थन है। इस दावे को एमएलसी के चुनाव के परिणामों ने साबित कर दिया।
भाजपा- जदयू गठबंधन के उम्मीदवार की हार की मुख्य वजह भाजपा के लोगों का जदयू उम्मीदवार को समर्थन ना करना बताया जा रहा है। हालांकि इस मुद्दे पर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। परंतु परिणाम साफ- साफ इशारा करते हैं कि जिले में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री के रहते भाजपा- जदयू उम्मीदवार की स्थिति इतनी बुरी क्यों हुई? जबकि चंपारण शुरू से भाजपा का गढ़ माना जाता है। वही कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि जहां दलित -पिछड़ों का वोट राजद के नाम पर इंजीनियर सौरभ कुमार को पूरी तरह से मिला तो वही भाजपा -जदयू के अगडी जातियों का मतभी इंजीनियर सौरभ कुमार को प्राप्त हुआ ।जिसके कारण उनकी जीत इतने अंतर से हो पाई। बताते चलें कि प्रखंड के राजद अध्यक्ष मुस्तफा मियां , जय लाल यादव, मैनेजर यादव, फुल देव यादव, परमानंद सिंह, डॉक्टर आमीन सहित राजद कार्यकर्ताओं ने जमकर अबीर गुलाल लगाए और आतिशबाजी की।
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