जाति प्रथा जैसी कुव्यवस्था को हटाने के लिए बाबासाहेब ने तमाम आंदोलन किये : रवीन्द्र रवि

भारत रत्न संविधान निर्माता डा. भीम राव अम्बेडकर की 131वीं जयंती जगजीवन नगर बुद्ध विहार में मनाई गई

बेतिया | भाकपा माले नगर कमिटी के नेतृत्व में भारत रत्न संविधान निर्माता डा. भीम राव अम्बेडकर की 131वीं जयंती जगजीवन नगर बुद्ध विहार में मनाई गई।माले के नगर सचिव सह जिला नेता रवीन्द्र कुमार रवि, वार्ड नंबर 27 के पार्षद रीता रवि, निलेश कुमार, अमर कुमार, अरबिन्द कुमार मलिक, रितेश सिन्हा, कैलाश राउत, प्राथमिक विद्यालय जगजीवन नगर के प्रधानाध्यापिका श्रीमती गायत्री देवी,शोभा देवी, मोहम्मद बदरुद्दीन,गीता कुमारी,पुष्पा कुमारी,कृपा कुमारी, सुनीता देवी, प्रभावती देवी, सुरेश राउत,मोती राउत, कृष्णा मास्टर साहब,किशन पासवान, रंजीता कुमारी, माला देवी, लड्डू राउत, आदि प्रबुद्धजन उपस्थित थें।

माले नेता रवींद्र कुमार रवि ने कहा कि बाबा साहेब ने हिंदू पंथ में अनेक कुरीतियां, छुआछूत और ऊंच-नीच की प्रथा को आखों देखा। जिसके खिलाफ उन्होंने अथक संघर्ष किया। वे स्वयं दलित वर्ग से सम्बन्धित थें। छुआछूत के दंश को, समाज में व्याप्त सामाजिक असमानता, जाति-व्यवस्था, शूद्रों के साथ होने वाले अमानवीय व्यवहार को उन्होंने अपने बाल्यकाल से देखा-जाना और भोगा था। उस भोगे हुए जीवन-यथार्थ से उन्हें प्रत्येक प्रकार की सामाजिक असमानता के लिए आवाज उठाने की प्रेरणा मिली।  उनका मानना था कि “छुआछूत गुलामी से भी बदतर है।” जाति प्रथा जैसी कुव्यवस्था को हटाने के लिए तमाम आंदोलन किये, अंत में बाबा साहेब ने कहा था कि हिंदू समाज में समानता के लिए कोई स्थान नहीं है।” जिसकों हम आज भी देख रहे हैं, 

बाबा साहेब ने भारतीय संविधान को देश को समर्पित करते हुए भी कहा था कि संविधान में राजनीति समनता को तो मान लिया गया है, पर वास्तविक जीवन में जो आर्थिक, समाजिक भेदभाव हैं इसको समय रहते दूर नहीं किया गया तो एक ऐसा भी समय आयेगा जब सत्ता में बैठा व्यक्ति संविधान में हासिल राजनीति समानता के अधिकार को खत्म कर देगा। कोई कुछ बोल भी नहीं पायेगा।

माले नेता रवींद्र कुमार रवि ने कहा कि बाबा साहेब की चेतावनी आज सही साबित हो रहा है कि एक एक कर संविधान में हासिल अधिकारों को मोदी सरकार खत्म करते जा रहीं हैं। जो कहीं विरोध कर रहा है उसे जेल में डाल दिया जा रहा है। आगे उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इस फासीवादी राजनीति के खिलाफ लड़ाई लड़ कर ही बाबा साहेब के सपनों को साकार किया जा सकता हैं।

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