संभावित बाढ़ एवं कटाव से निपटने के लिए सभी व्वयस्थाएं रखें अपडेट: उप विकास आयुक्त

बेतिया। संभावित बाढ़ एवं कटाव से निपटने हेतु की जा रही तैयारियों की समीक्षा आज उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार द्वारा समाहरणालय सभाकक्ष में की गयी। इस अवसर पर सभी एसडीएम, सभी अंचलाधिकारी एवं सभी संबंधित कार्यपालक अभियंता उपस्थित रहे। 

उप विकास आयुक्त ने कहा कि संभावित बाढ़ एवं कटाव से निपटने के लिये सभी तैयारियां ससमय कर ली जाय ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में जान माल की सुरक्षा की जा सके। उन्होंने निदेश दिया कि कार्यपालक अभियंता एवं अंचलाधिकारी अपने-अपने क्षेत्राधीन तटबंधों/बांधों का निरीक्षण करेंगे तथा आवश्यकतानुसार बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य ससमय सम्पन्न कराना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि तटबंधों पर कराये जा रहे एंटीरोजन कार्यों का संबंधित अंचलाधिकारी नियमित रूप से निरीक्षण करेंगे तथा जांच प्रतिवेदन आपदा शाखा उपलब्ध करायेंगे। 

एसडीएम एंटीरोजन कार्य का लगातार अनुश्रवण एवं समीक्षा करते रहेंगे। उप विकास आयुक्त ने कहा कि बाढ़ सुरक्षात्मक सामग्री का चिन्हित स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में स्टॉक रहना चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर त्वरित गति से कार्रवाई करते हुए बचाव कार्य कराया जा सके। साथ ही उच्च क्षमता वाले लाईट, अन्य आवश्यक संसाधनों के साथ सहित टै्रक्टर को अपडेट रखा जाय। 

मोबाईल नंबर के साथ कम्युनिकेशन प्लान तैयार रखा जाय। उन्होंने कहा कि नाव, मोटरबोट एवं अन्य जल परिवहन की समुचित व्यवस्था कर ली जाय। सरकारी नाव अगर अक्रियाशील अवस्था में हैं तो उन्हें अविलंब ठीक करा लिया जाय। साथ ही प्राईवेट नाव/नाविकों को सूचिबद्ध करते हुए उनके साथ एग्रिमेंट कर लिया जाय। प्राईवेट नाव का रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है। प्राईवेट नाव के मालिकों के साथ बैठक कर लिया जाय। उन्होंने कहा कि जिले को उपलब्ध कराये गये लाईफ जैकेट की अद्यतन स्थिति की जांच कर ली जाय कि वे सभी ठीक है नहीं। लाईफ जैकेट का प्रॉपर रखरखाव अत्यंत ही आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गोताखोरों को अच्छे तरीके से प्रशिक्षित कराते हुए उन्हें अपडेट रखा जाय। 

उप विकास आयुक्त ने निदेश दिया कि बाढ़ आश्रय स्थल को अविलंब पूर्ण रूप से तैयार किया जाय। साथ ही संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में शरण स्थल को भी चिन्हित कर लिया जाय। शरण स्थलों में शौचालय, पेयजल, बिजली कनेक्शन आदि बुनियादी सुविधाएं अनिवार्य रूप से उपलब्ध हो। साथ ही सभी पीएचसी में संभावित बाढ़ के मद्देनजर आवश्यक दवाओं, एंबुलेंस आदि की उपलब्धता, डॉक्टर, नर्सेंज की उपस्थिति आदि की व्यवस्था कर ली जाय। उन्होंने निदेश दिया कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों में एएसवीएस, एआरभी, हैलोजन, ब्लीचिंग पाउडर की उपलब्धता प्रचुर मात्रा में रहे। समीक्षा के क्रम में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि सभी प्रखंडों में वर्षा मापक यंत्रों का अधिष्ठापन कराया गया है। प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी के माध्यम से नियमित रूप से वर्षा मापक यंत्रों की जांच करायी जाती है, सभी वर्षा मापक यंत्र पूरी तरह फंक्शनल है। कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, पडरौना 01 द्वारा बताया गया कि तटबंधों की स्थिति ठीक है। पांच स्थलों पर एंटीरोजन वर्क कराया जा रहा है जिसे 15 मई तक पूर्ण करा लिया जायेगा। 

कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल 02 द्वारा बताया गया कि क्षेत्राधीन 05 जगहों पर एंटीरोजन कार्य कराया जा रहा है। कार्यपालक अभियंता, दोन कैनाल द्वारा बताया गया कि दोन कैनाल पूरी तरह सुरक्षित है तथा कैनाल का लगातार निरीक्षण किया जाता है। 

प्रभारी पदाधिकारी, आपदा शाखा द्वारा बताया गया कि एसडीआरएफ की एक टीम स्थायी रूप से जिलास्तर पर उपलब्ध है, जिनके पास आवश्यक संसाधनों से लैस 08 मोटरबोट है। जिला में सरकारी नावों की संख्या 17 है। उन्होंने बताया कि सतू, गुड़, चूड़ा, मोमबती, दियासलाई एवं रेडिमेड फूड, जलपान भोजन आदि की व्यवस्था हेतु निविदा प्रकाशित की गई है। साथ ही पशु चारा की व्यवस्था हेतु भी निविदा प्रकाशित करने की कार्रवाई की जा रही है। जिले में कुल 16400 पॉलीथीन शीट्स वेयर हाउस में सुरक्षित रखा गया है। उन्होंने बताया कि प्रखंड वार गोताखोरों को चिन्हित कर पटना में प्रशिक्षित कराया जा चुका है। बगहा-01 प्रखंड में 49, बगहा-02 प्रखंड में 14, पिपरासी प्रखंड में 05, चनपटिया प्रखंड में 13, योगापट्टी प्रखंड में 22, बैरिया प्रखंड में 10, भितहां प्रखंड में 07, नरकटियागंज प्रखंड में 09 एवं सिकटा प्रखंड में 04 गोताखोर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि समाहरणालय अवस्थित आपदा शाखा में आपातकालीन संचालन केन्द्र एवं नियंत्रण पूर्णरूपेण 24ˣ7 कार्यरत है। जिसका दूरभाष संख्या-06254-247002, फैक्स संख्या- 06254- 247003 तथा ई-मेल आईडी disastermgmtbettiah@gmail.com है।

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