भाकपा एवं माकपा के संयुक्त बैनर तले सिकटा प्रखण्ड के आर्या नगर एवं बलथर गाँव मे शांति मार्च


बेतिया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के संयुक्त बैनर तले सिकटा प्रखण्ड के आर्या नगर एवं बलथर गाँव में शांति मार्च निकाल कर लोगों को घर वापस लौटने एवं अपने घर, खेत बारी माल मवेशी के देखभाल करने की अपील के साथ साथ पुलिस आतंक पर रोक लगाने की मांग की गई, दोनों दलों के जिला सचिव ओम प्रकाश क्रांति, एवं चांदसी प्रसाद यादव ने किया.

दोनों नेताओं ने बताया कि होली जैसे त्योहार पर लोग जौली मुड में रहते और इसी खुशी के माहौल को स्थानीय बी डी ओ, सी ओ एवं पुलिस के द्वारा मातम में बदल दिया गया, इस घटना में स्थानीय बी डी ओ एवं सी ओ की संलिप्तता उजागर होतीहै, यदि दोनों ने विवेक से काम लिया होता तो इतनी बड़ी घटना नहीं घटती, इसलिए दोनों की संदिग्धता की जांच होनी चाहिए तथा दोनों अधिकारियों के साथ साथ उन पुलिस कर्मियों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए जिनकी अभिरक्षा में अनिरुद्ध की हत्या हुई, और एक हवलदार को भी जान गंवाना पडा़.

भाकपा और माकपा संयुक्त रुप से इस घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग के साथ साथ आरक्षी अधीक्षक के तबदला एवं विवेकहीन बी डी ओ, सी ओ, एवं बलथर थाना अध्यक्ष के निलंबन की मांग करती है, अभी भी क्षेत्र में भय एवं आतंक का माहौल है, लोगों के रब्बी के फसल बर्बाद हो रहे हैं, बच्चों की पढाई बंद है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सार्थक प्रयास नहीं हो रहा है, अनिरुद्ध यादव के हत्या का अभी तक एफ आई आर का नहीं होना और अभी तक 781 लोगों पर एफ आई आर का होना स्पष्ट रूप से पक्षपात पूर्ण रवैया को दर्शा रहा है, ऐसा लगता है कि वोटर लिस्ट से नाम नोट कर एफआईआर में डाल दिया गया है.

पूरे क्षेत्र में चर्चा है कि इस घटना के पीछे बलथर थाना पर दलालों का बर्चस्व की बात छिपी है लेकिन प्रशासन सही तथ्य को छिपाने के लिए निर्दाेष लोगों को मोहरा बना रहा है, निर्दाेष लोगों पर कार्यवाही बंद करने, सही दोषियों को चिन्हित कर सजा देने की मांग दोनों पार्टियों द्वारा की गई, मौके पर सी पी आई के राधामोहन यादव, जवाहर प्रसाद, तारिक, एकबाल जी पाण्डेय, गिरजा शंकर ठाकुर, गंगा वर्मा, खलिकुज्जमा, मदन शर्मा, अंजरूल,लक्की, कलावती, गायत्री, कैलाश, सीपीएम के प्रभुनाथ गुप्ता, हरेन्द्र प्रसाद, शंकर राव, रामा यादव, हनीफ, सुशील, राजू, मनौउर, आदि उपस्थित रहे.

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