देश की तरक्की के लिए एकता, अखंडता के लिए हिन्दू, मुसलमानों की एकजुटता जरूरी है : अब्दुल्लाह सालिम चतुर्वेदी


योगापट्टी | देश की तरक्की के लिए एकता,अखंडता के लिए हिन्दू, मुसलमानों की एकजुटता जरूरी है।मजहबे इस्लाम अमन का पैगाम देता है।इंसानियत खिदमत,दीन की रौशनी में अच्छा काम करना हदीश सिखाता है,जो हिन्दू और मुसलमानो को बांटने की बात करता है वो ही गद्दार है। 

धर्म के नाम पर नफरत से देखना गलत बात है।नबी को मानने वाला कभी फसादी नहीं हो सकता।यह बातें योगापट्टी प्रखंड के मदरसा मौलादिनिया ओझा बरवा में दस्तारबंदी के मौके पर आयोजित जलसे में मंगलवार की शाम अब्दुल्ला सालिमकमर साहब चतुर्वेदी ने अपनी तकरीर में कही।वर्तमान हालत में इस्लाम धर्म के प्रति दुनिया के नजरिये तथा हिन्दुस्तान के सभी समुदाय के समन्वय पर विस्तार से बोलते हुए अनेकों उदाहरण पेश किये।

हदीस में इंसाफ, अमन, सेवा, दूसरे धर्मो के सम्मान को जो पैगाम है, उसपर अमल करते हुए ही अपने धर्म का प्रसार किया जा सकता है।वही इधर मौलाना सदरे आलम साहब ने कहा कि तालिम (शिक्षा) ही इंसान को इंसानियत व अक्ल शउर पैदा करती है।शिक्षा के बिना समाज में फ़ैली बुराइयो को ख़त्म नहीं किया जा सकता है और ना ही मुल्क कि तरक्की के लिए काम को फ़राहम किया जा सकता है। जिस मुल्क में शिक्षा कि कमी होती है वह मुल्क कभी तरक्की नही करता है।अगर मुल्क कि तरक्की और समाजिक बुराइयो को समाप्त करना है तो अपने आने वाली पीढ़ी को शिक्षित करना होगा। उन्होंने लोगों को ये पैगाम दिया कि वे अपने बच्चे व बच्चियो को मदरसा मे पढ़ाए और साथ में उन्हे मजबूत तालिम दे ताकि ये बच्चे बच्चिया भविष्य में हाफिजी के साथ साथ डाक्टर आईएएस आईपीएस बनें।पीपरपाती मदरसा के प्रधानाध्यापक एवं फ़लाहे इंसानियत फाउंडेशन सेमरी नवलपुर के कारी मोहम्मद जहांगीर शमसी ने लोगों को पैगाम दिया कि शिक्षा से ही समाज सुधार हो सकती है।जलसा की अध्यक्षता मुफ्ती जाहिद कमर ने किया।कुराने पाक की तिलावत हाफिज अलमगीर साहब ने किया। मौके पर डॉ मौलाना खुर्शीद आलम भारती,हाफिज बेलाल साहब,कारी कासिम साहब,कारी शमशेर साहब आदि लोग रहे।

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