भारत सरकार की तानाशाही भरी नीतियाँ अर्थतंत्र को नष्ट करना चाहती है।सरकार के गलत नीतियों के कारन हम उसी दिशा मैं जा रहे हैं।
जो दशा आजादी से पहले बैंकिंग उद्योग की थी। साहूकार की बैंक होती थी। बाकी सब मजदूर रूपी बैंकर कहलाते थे।उनका आने का समय तो था पर जाने का कोई भी समय नहीं था। हमारे अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है। सरकार इस प्रकि्या मे देश की ट्रेड यूनियंस को सबसे बड़ी बाधक मानती है। हम लोगो के लिये दो दिन की सैलरी मायने रखती हैं, लेकिन अपने वजूद को बचाने के लिए सैलेरी का बलिदान कर रहे हैं।
इस देश के अर्थतंत्र को बचाने के लिये अपने वजूद को बचाने के लिए अपने परिवार व मेहनत की जमा पूंजी को बचाने के लिए यह हड़ताल किया जा रहा है।रिटायरमेंट के बाद जो आपको मेहनत की जमा पूंजी मिलती है,यदि उस परअगर प्राइवेट बैंकों का अधिकार हो जाए और यदि प्राइवेट बैंक डूबेंगे तो आप की मेहनत की कमाई भी दुब जाएगी। बैंक कर्मी संघ के अध्यक्ष विनय कुमार दुवेदी ने कर्मियों को सम्बोधित करते हुए कही।उन्होंने बताया कि इस हड़ताल में एआईबीईए, एआईबीओए और बीईएफआईं के कर्मी शामिल हैं।सारे हड़ताली कर्मी बैंक ऑफ बड़ोदा में इकट्ठा हो कर सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए एसबीआई मेन ब्रांच पहुँच कर काम बंद करा कर सहयोग की अपील किये।एसबीआई कर्मियों ने उनके समर्थन में काम बंद कर बैंक में ताले लगा दिए।विभिन्न मार्गों से होते हुए हड़ताली कर्मी सरकार के विरुद्ध नारे लगाते हुए सारे कर्मी एडीबी के साथ साथ एसबीआई के छेत्रीय कार्यालय पहुँच कर समर्थन में बंद कराया।मांगों में बैंकों का निजीकरण बंद करने,कार्य दिवस पांच दिनों के करने,नई पेंशन योजना को हटा कर पुरानी पेंशन योजना लागू करने, एलआईसी और बैंकों के बीच महंगाई भत्ते में विसंगति को दूर करने के साथ साथ अन्य कई मांगे शामिल हैं।
कर्मियों ने बताया कि सरकार हम लोगो को बंधुवा मजदूर बनाना चाहती है। इतना ही नही बैंकों के निजीकरण होने के बाद अगर बैंक डूबेगा तो अवकाश प्राप्ति के बाद जो जमा पूंजी लोगो का जमा है वह भी डूबेगा। कर्मियों ने सरकार को चेताया कि अगर हमारी मांगो को सरकार नही मानेगी तो आनेवाले दिनों में आंदोलन तेज होगा। हड़तालियों ने Bandhan Bank, ICICI, HDFC, IDBI के साथ साथ सभी निजी बैंकों को बंद कराया।
दो दिवशीय हड़ताल के कारण जिले में लगभग हजार करोड़ का कारोबार हुआ प्रभावित
केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण करने और कर्मियों के हक मारी के विरोध में सोमवार और मंगलवार को केंद्रीय आह्वान पर दो दिवशीय हड़ताल पर बैंक कर्मी चले गए।कर्मी संघ के जिला अध्यक्ष विनय कुमार दुवेदी ने बताया कि बैंक कर्मियों को सरकार बंधुवा मजदूर बनानाच रही है।बैंकों के निजीकरण होने के कारण अगर बैंक डूबेगा तो उसमें आम लोगो के जमापूंजी भी दुब जाएगी।कर्मी सरकार के मंसूबे को पूरा नही होने देंगे।उन्होंने बताया कि दो दिवशीय हड़ताल के कारन जिले में लगभग एक हजार करोड़ के कारोबार का नुकसान होगा।इसकी सारी जिम्मेवारी सरकार की होगी।
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