जिलाधिकारी द्वारा 35 मत्स्य पालकों एवं मत्स्य व्यवसाय से जुड़े मत्स्य कृषकों के बीच किया गया मोपेड-सह-आईस बॉक्स, थ्री व्हीलर एवं फोर व्हीलर वाहन वितरण।
वाहन की चाभी प्राप्त कर खिल उठे मत्स्य कृषकों के चेहरे, बोले-सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद
बेतिया। मत्स्य पालन के साथ-साथ मत्स्य व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री मत्स्य विकास परियोजना अंतर्गत जिले के कुल-35 मत्स्य पालकों एवं मत्स्य व्यवसाय से जुड़े कृषकों को मोपेड-सह-आईस बॉक्स, थ्री व्हीलर एवं फोर व्हीलर वाहन जिलाधिकारी, कुंदन कुमार द्वारा वितरण किया गया। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अनिल कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी, श्री गणेश राम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।वाहन वितरण कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी द्वारा विभिन्न वाहन प्राप्त करने वाले लाभुकों से मत्स्य उत्पादन, मार्केटिंग, वाहन की उपलब्धता आदि की विस्तृत जानकारी ली। वाहन की चाभी प्राप्त कर मत्स्य कृषकों के चेहरे खुशी से खिल उठे और उन्होंने जिलाधिकारी से कहा कि अब वे और जी तोड़ मेहनत करेंगे, जिले को मत्स्य उत्पादन में अग्रणी बनाने में सहयोग करेंगे और अन्य लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करायेंगे। मोपेड-सह-आईस बॉक्स, थ्री व्हीलर एवं फोर व्हीलर वाहन प्राप्त करने वाले लाभुकों में श्री शिवनाथ सहनी, ढ़ोढ़ा मुखिया, जनक मुखिया, हरिमोहन चौधरी, शेषनाथ तुरहा, मंगनी तुरहा, मंजु देवी, गणेश तुरहा, रामनरेश चौधरी, बिन्दा चौधरी, अरविन्द साह, शम्भु मुखिया, प्रहलाद तुरहा, लालबाबु साह, संतोष गोंड़, मैनेजर साह, मुसहरी प्रसाद चौधरी, उमा महतो, रामायण साह, नरसिंह साह, बच्चन तुरहा, राजेश भगत, चन्द्रमोहन हाजरा, मृत्युजय कुमार, मनोज चौधरी, मदन राम आदि के नाम शामिल हैं। इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा लाभुक मत्स्य पालकों को वाहनों की चाभी सौंपते हुए कहा गया कि मत्स्य पालन और विपणन के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। सभी आत्मनिर्भर बनें एवं अन्य लोगों को भी रोजगार दें।
जिला मत्स्य पदाधिकारी, पश्चिम चम्पारण द्वारा बताया गा कि वितीय वर्ष 2021-22 में मुख्यमंत्री मत्स्य विकास परियोजना अंतर्गत अत्यंत पिछड़ा जाति, अनुसूचित जाति/जनजाति के मत्स्य पालकों को मत्स्य पालने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 90 प्रतिशत अनुदान पर मत्स्य विपणन योजना के तहत मोपेड-सह-आईस बॉक्स, थ्री व्हीलर एवं फोर व्हीलर वाहन उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। जिसमें ऑनलाइन आवेदन में चयनित लाभुकों को वाहन उपलब्ध कराया जाता है।
उन्होंने बताया कि इस योजना का मुख्य उदेश्य उत्पादित मछलियों को मत्स्य उपभोक्ताओं तक स्वच्छ एवं ताजी रूप में पहुंचाना है ताकि मत्स्य कृषकों की आय दोगुनी की जा सके। इसमें अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति/जनजाति के मत्स्य पालकों को रोजगार के नये अवसर प्राप्त होंगे।
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