बेतिया | पश्चिम चंपारण जिला अंतर्गत चनपटिया विधानसभा क्षेत्र कुमारबाग स्थित पूरे देश में प्रसिद्ध प्रोसेसिंग स्टील प्लांट की स्थापना नवंबर 2007 में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान ने बड़े ही धूमधाम से की थी जिस प्लांट पर सरकार का लगभग 100 करोड़ रुपया का खर्च भी हुआ और डेढ़ सौ के करीब झारखंड यूपी तथा बिहार के रहने वाले कई व्यक्तियों की बहाली भी हुई परंतु जब से इसका उद्घाटन हुआ तब से अभी तक, यह प्लांट अभी तक चालू नहीं हो सका ,2015 एवं 19 के दशक में लोकसभा चुनाव के पूर्व इसे चालू किया गया था परंतु कुछ दिनों के बाद ही पुनः बंद हो गया इस प्लांट के बन जाने से चंपारण वासियों में काफी खुशी का माहौल था कि अब उनकी चंपारण का विकास होगा, लेकिन अभी तक यह बंद पड़ा है और इसमें बहाल कर्मी अपना वेतन बिना काम किए हो उठा रहे हैं, जहां दूसरी तरफ यही हाल बेतिया इंडस्ट्रियल एरिया के चमड़ा उद्योग का है आखिर सवाल यह उठता है कि जहां सरकार एक ओर विकास की बात करती है और दूसरी तरफ इतने बड़े उद्योगों को चालू क्यों नहीं कर पा रही है जबकि सत्ताधारी पार्टी के तीन सांसद आठ विधायक तथा दो एमएलसी हो, अगर अब चंपारण की स्थिति नहीं बदली तो कब बदलेगी ,जहां जनता के बीच में बराबर यह सवाल उनके मन में बैठा हुआ है कि चंपारण वासियों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है
जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार को ₹33 हजार करोड़ की योजनाओं की सौगात देने के बाद बेतिया के कुमारबाग में कई सालों से बंद पड़े स्टील प्लांट का अभी तक शुभारंभ नहीं हो पाया जहां पिछले कुछ साल पहले इसका शुभारंभ केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के द्वारा किया जाना था. जो स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (सेल) द्वारा स्टील पाइप का निर्माण करने की बात कही गई थी जो साल 2007 के नवंबर माह में तत्कालीन केंद्रीय इस्पात मंत्री रामविलास पासवान के द्वारा इस प्लांट का शिलान्यास किया गया जो अभी तक चालू नही हुआ
शिलान्यास के बाद प्लांट का निर्माण कार्य तो हुआ, लेकिन सरकार के नेताओ का कहना था कि कुमारबाग रेलवे स्टेशन पर रैक प्वाइंट अन्य संसाधन नहीं होने आदि के अभाव में स्टील प्रोसेसिंग का काम शुरू नहीं हो सका अभी वर्तमान सरकार के नेताओ ने कुछ साल पहले कहा था कि गई इस बाधा को दूर कर लिया गया है. प्लांट का उद्घाटन किया जाएगा इसको लेकर पश्चिम चंपारण के भाजपा सरकार के सांसद डॉ. संजय जायसवाल के द्वारा कुछ साल पहले दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग की गई थी.
बेतिया में भाजपा नेताओं व अन्य जनप्रतिनिधियों ने प्लांट के जनरल मैनेजर एन. श्रीवास्तव के साथ बैठक की गई थी.
लेकिन इसके बाद भी अभी तक चालू नही किया गया ,इस कुमारबाग के स्टील प्लांट की उत्पादन क्षमता 50,000 टन रखी गई है. जहां इसके यूनिट में एक स्लिटिंग लाइन और दो ट्यूब मिल स्थापित हैं. जहां इस मीटिंग के बाद कुछ महीने बाद शुरू कराने की उम्मीद जताई गई थी
जहां पिछले विधानसभा के चुनावी दौर में कुमारबाग प्लांट की शुरुआत कराने की घोषणा से बेतिया में राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई थी. राजद के स्थानीय नेताओं ने इसे भाजपा का चुनावी हथियार बताया था.
वही पिछले लोकसभा चुनाव के वक्त भी प्लांट शुरू करने के दावे किए गए थे, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ.अब लगता है की 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले इसके उद्घाटन की कवायद और नेताओ की बयानबाजी देखने को मिलेगी जहां सांसद विधायक इस प्लांट को लेकर इतने गंभीर थे तो बीते लगभग 7 सालों में इस मुद्दे पर क्यों नहीं बोलते हैं. नेताओं ने युवाओं को नौकरी और देशवासियों को अच्छे दिन के सपने दिखाए थे जहां नेताओ ने अपने क्षेत्रों में झूठे वादे-प्रचार करने में लगे थे
वही देशभर के 7 राज्यों में फैले प्लांटों में दसवां स्टील प्लांट है जो 2007 में इस प्लांट के शिलान्यास के वक्त तत्कालीन इस्पात मंत्री रामविलास पासवान ने कहा था कि इसमें एक साल के अंदर, यानी अगस्त 2008 तक उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा. लेकिन निर्माण कार्य में देरी और फिर यहां बनने वाले उत्पाद की ढुलाई के लिए यातायात सुविधा ना होने की वजह से उत्पादन में विलंब होता गया. बाद में इस प्लांट में हुई भर्तियों में भी काफी गड़बड़ियों का भी आरोप लगाया गया था.
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