एक बार फिर मां की ममता हुई शर्मशार, झाड़ी में फेंका मिला नवजात शिशु

भितहा। अहले सुबह थाना क्षेत्र के खैरवा पंचायत के बलुही गांव से सटे सरेह में एक नवजात बच्चा पाया गया है,जिसको लेकर क्षेत्र में काफी चर्चा है। जिसमें स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह तकरीबन 5.00 बजे के आसपास औरतें शौच के लिए निकली क तो बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी । 

जिसे लेकर औरतों ने जाकर देखा तो झाड़ी में नवजात बच्चा पड़ा हुआ है जिसका शरीर खून से लथपथ है। जिसे गांव की औरतें उठा कर लायी और स्थानीय आशा सह फासलेटर शाहजहां बेगम को बुलाकर दिया जिसको आशा द्वारा नवजात को अपने घर लाया गया एवं साफ सफाई करते हुए उसे नहलाया और पडोसी के मां का दूध पिलाया। 

वही इस घटना की चर्चा आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई। जिसमें बच्चों को देखने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। बच्चे को देखकर लोग तरह तरह की चर्चा कर रहे थे। कुछ ने कहा कि कैसी निर्दयी एवं निष्ठुर मां है जो अपनी पाप छुपाने के लिए ममता का गला घोंट दिया।वही इस बात की चर्चा सुनकर खैरवा पंचायत के गुलरिया निवासी एवं निसंतान दंपति हरेश पटेल और उनकी पत्नी नवजात को गोद लेने एवं अपनी सूनी गोद में फुल खिलाने की आस लिए बलुहीं पहुंचे। जिसमें स्थानीय लोगों एवं बुद्धिजीवियों द्वारा नवजात को उक्त दंपति को गोद देने की सिफारिश भी की गई। लेकिन आशा शाहजहां बेगम ने कहा कि उस बच्चे को हम पालेंगे, हम किसी को नहीं देंगे। जिसके कारण निरूसंतान दंपति को मायुस होकर वापस लौटना पड़ा। वहीं स्थानीय स्तर पर लोगों की मांग है कि जो भी उक्त नवजात को रखें उसके द्वारा उसको माता-पिता का उत्तराधिकार मिलना चाहिए, ताकि बच्चे का भविष्य सुरक्षित हो सके और उसे एक और अभिषाप से न गुजरना पड़े।इसके लिए गोद लेने संबंधी सभी आवश्यक कागजात गोद लेने वाले दंपति पूरा करें । वहीं लोगों का कहना है कि इसके लिए स्थानीय प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों को पहल कर जरूरमंद एवं निरूसंतान दम्पत्ति को नवजात को सुपुर्द करा कर बच्चे का भविष्य सुरक्षित कराने में सहयोग करना चाहिए।

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