अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर समाहरणालय सभाकक्ष में कार्यक्रम का हुआ आयोजन

लिंग के आधार पर भेदभाव विषय पर हुई परिचर्चा

विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मियों आदि को प्रशस्ति पत्र, मेडल एवं शिल्ड देकर किया गया सम्मानित

बेतिया। अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 के अवसर पर आज 08 मार्च को समाहरणालय सभाकक्ष में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार सहित उपस्थित नारी शक्ति के द्वारा किया गया। 

उद्घाटन के उपरांत गायकों की दक्ष टीम द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने महिला दिवस की शुभकानाओं के साथ कहा कि महिलाओं, बच्चियों को छोड़कर कोई भी परिवार, समाज, राज्य एवं देश को आगे नहीं बढ़ सकता है। परिवार, समाज, राज्य एवं देश को आगे बढ़ाने के लिए नारी शक्ति की अत्यंत ही आवश्यकता है। आज नारी शक्ति की अहम भूमिका है किसी भी परिवार, समाज, राज्य एवं देश को आगे बढ़ाने में। उन्होंने कहा कि पीढ़ियों, दशकों से जो कमी रह गयी है उसको दूर करने की आवश्यकता है। 

समानता के अधिकार के क्रियान्वयन में तीव्रता लानी होगी। समानता के गैप को जल्द भरना होगा। महिलाओं, बच्चियों को समान अधिकार देना होगा। उन्होंने कहा कि पुरूषों के साथ-साथ महिलाओं को भी बदलना होगा। बच्चे-बच्चियों में भेदभाव नहीं रखना होगा। बच्चियों के पालन-पोषण, परवरिश आदि बच्चे की तरह करें। बच्चों में महिलाओं के प्रति सम्मान की शिक्षा दें। महिलाओं को परिवार में डिसिजन मेकिंग बनने दें। 

लड़के-लड़कियों को समान अवसर दें, आगे बढ़ने दें। जिलाधिकारी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में सभी को नजरिये, दृष्टिकोण में बदलाव लाना होगा। परिवार, समाज में बदलाव लाकर महिला सशक्तीकरण की दिशा में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा महिलाओं, छात्राओं को आगे आने के लिए विभिन्न योजनाओं का क्रियान्न्वयन किया जा रहा है। इसके फलस्वरूप बहुत सारी बेटियां विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मैनाटांड़ के शेषनाथ कुमार जी को पहले से ही एक बेटी थी, विगत दिनों एक और बेटी हुयी। शेषनाथ जी द्वारा वाहन को अच्छे तरीके से सुसज्जित कर बेटी को अस्पताल से घर लाया गया। यह अपने आप में एक बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि जहां नारी की पूजा होती है, मान-सम्मान मिलता है वहां देवता बसते हैं। 

महिलाओं को सम्मान दें। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक, बेतिया, श्री उपेन्द्र नाथ वर्मा ने कहा कि महिलाओं को कानूनी रूप से बहुत सारे अधिकार दिये गये हैं जिसका अनुपालन किया जाता है। कुछ कमियां है, जिसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में अपना परचम लहरा रही है। उन्होंने कहा कि आज का समाज साइबर स्पेस के रूप में बढ़ रहा है। प्रत्येक व्यक्ति के हाथ में मोबाईल है। मोबाईल का सदुपयोग करें तथा इसका दुरूपयोग नहीं होने दें। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम/फ्रॉड को लकर सभी को अवेयर रहना होगा, विशेषकर महिलाओं एवं छात्राओं को। उन्होंने कहा कि इंटरनेट संचालन, विभिन्न सोशल मीडिया के संचालन में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। ईमेल वगैरह पर प्रलोभन वाले लिंक के प्रति सचेत रहें। 

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी मैसेज को फॉरवार्ड, सेन्ड करने से पूर्व अच्छे तरीके से जांच-पड़ताल कर लें। किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचें। सोशल मीडिया पर प्राप्त मैसेज की सत्यतता की जांच अवश्य करें। उन्होंने कहा कि महिलाओं, छात्राओं को घरों, होटलों, रेस्टोरेंटों, मॉलों में सजग एवं सतर्क रहने की आवश्यकता है। यहां के चेंजिंग रूम, वॉश रूम को यूज करने से पहले अच्छे तरीके से जांच-पड़ताल कर लें कहीं किसी ने कैमरा वगैरह तो नहीं लगा रखा है। उन्होंने वर्चुअल कॉल के प्रति भी सतर्क रहने को कहा। 

अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर लिंग के आधार पर भेदभाव विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में मेरी एडलिन, डॉ0 शैल कुमारी वर्मा, आजरा तब्बसुम, सरन्या मिश्रा, आलिया सिद्दीकी, वंदना कुमारी, कल्पना कुमारी, कल्पना कुमारी, निक्की कुमारी, शालिनी रंजन, ब्यूटी कुमारी, सुधा कुमारी, सरनप्रीत कौर, सुधा रानी ने अपने-अपने विचारों से अवगत कराया तथा परिवार, समाज, राज्य एवं देश-विदेश में नारी शक्ति की महता पर प्रकाश डाला। परिचर्चा में भाग लेते हुए मेरी एडलीन, शिक्षिका, रा0 प्लस टू उ0 वि0, कुमारबाग ने कहा कि एक लड़की पढ़ती है तो सात पीढ़ी पढ़ती है। बेटियों को पढ़ाएं और आगे बढ़ायें। उन्होंने कहा कि आज समाज बदल रहा है। लिंग भेदभाव को बदलने के लिए सभी को आगे आना होगा। 

डॉ0 शैल कुमारी वर्मा, विभागाध्यक्ष, हिन्दी, एमजेके कॉलेज, बेतिया ने कहा कि सरकार द्वारा भू्रण परीक्षण पर रोक लगा दी गयी है। ऐसा करने वालों के विरूद्ध दंड का प्रावधान भी है। इसके बावजूद भी भू्रण परीक्षण चोरी-छीपे कराया जाता है। इसे रोकने के लिए माता-पिता, भाई-बहन अर्थात परिवार, समाज के सभी को आगे आना होगा। डॉ0 वर्मा द्वारा महिलाओं को मिले अधिकार के बारे में विस्तृत से जानकारी प्रदान की गयी। वहीं सुधा कुमारी, सब इंस्पेक्टर ने कहा कि महिलाएं पुरूषों से कमजोर नहीं है। 

महिलाओं को हमेशा सम्मान मिलना चाहिए। कानून ने हमे सम्मान दिया है, समाज को भी समान रूप से सम्मान देना चाहिए। सरनप्रीत कौर, एडीएसएस ने कहा कि सभी नारी आज सशक्त है। सरकार द्वारा काफी अच्छा प्रयास किया जा रहा है। महिला सशक्तीकरण की दिशा में सरकार द्वारा कई सारी योजनाएं क्रियान्वित है, जिसका लाभ महिलाएं लेकर आगे बढ़ रही है। सुधा रानी, पीजीआरओ ने कहा कि महिलाओं के सम्मान में समर्पित है महिला दिवस। 

महिलाओं की स्थिति में व्यापक सुधार हुआ है। महिलाएं आज समाज के हर क्षेत्र में अग्रसर है। महिलाओं की उन्नती के लिए कई सारी योजनाएं चल रही है। महिलाओं में आत्मनिर्भरता के साथ-साथ आत्मविश्वास की भी आवश्यकता है। महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग एवं सतर्क रहना होगा। इसी तरह अन्य महिलाओं, छात्राओं द्वारा अपने-अपने मंत्वय से अवगत कराया गया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों/कर्मियों आदि को प्रशस्ति पत्र, मेडल, शिल्ड देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में सुधा कुमारी, डॉ0 सीमा गिरी, नितु कुमारी, आशा देवी, दयमंती कुमारी, मेरी एडलिन, डॉ0 फिरदौस बानो, सिस्टर रेखा टुड्डु, सिस्टर शैला जॉर्ज, ममता कुमारी, नेहा कुमारी, शेषनाथ कुमार, अर्चना कुमारी, सोनामती देवी, शोभा देवी, कविता देवी, बेबी कुमारी, लीलावती देवी, बिगनी देवी, अफरोज जहां के नाम शामिल हैं। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अनिल कुमार, अपर समाहर्ता, नंदकिशोर साह सहित अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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