पुस्तक लोकार्पण सह वसंतोत्सव- 2022’ का आयोजन संपन्न


बेतिया | साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था चम्पारन साहित्य संस्थान, अनुराग एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में एमजेके कॉलेज, बेतिया के सेमिनार हॉल में ‘पुस्तक लोकार्पण सह वसंतोत्सव- 2022’ का आयोजन संपन्न हुआ। दीप प्रज्ज्वलित कर अतिथियों ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 

प्रथम सत्र में मुनीन्द्र कुमार मिश्र द्वारा रचित हास्य व्यंग्य-संग्रह ‘टाँगोलोजी’, रामानंद शर्मा की पुस्तक ‘गीता मेरी नजर में’ व ‘कामशास्त्र मेरी नजर में’, जूही गुप्ता का काव्य-संग्रह ‘अल्फाज़ ज़ज्बात के’ एवं दीनानाथ द्विवेदी ‘दीन’ का होली बुलेटिन (भोजपुरी) ‘रंग में तरंग’ का मंचासीन अतिथियों ने विमोचन किया. अध्यक्षता कर रहे प्रो. (डॉ.) सुरेन्द्र प्रसाद ‘केसरी’ ने कहा कि विभिन्न विधाओं चार पुस्तक एवं एक बुलेटिन का एक बार में विमोचन होना बेतिया की समृद्ध साहित्यिक सक्रियता का द्योतक है. मुख्य अतिथि डॉ. परमेश्वर भक्त, विशिष्ट अतिथि पं. व्रतराज दूबे ‘विकल’, पं. चतुर्भुज मिश्र व डॉ. देवीलाल यादव के साथ सुरेश गुप्त, अवधेश कुमार वर्मा, अतुल आजाद व डॉ. दिवाकर राय ने पाँचों रचनाकारों की कृतियों की विशेषता पर प्रकाश डाला. इस सत्र का संचालन च.सा.सं. एवं अनुराग के प्रवक्ता डॉ. जगमोहन कुमार ने किया. 

द्वितीय सत्र कवि-सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे पं. व्रतराज दूबे ‘विकल’ ने कहा कि ‘रंगों की अजब है रंगोली ये होली, ये होली गजब है रसघोली ये होली’। 

डॉ. परमेश्वर भक्त ने कहा कि ‘होली के हुडदंग में मन की टूटी लगाम, लाज शर्म की कौन कहे पहरे सब नाकाम’। सुरेश गुप्त ने पढ़ा कि ‘चला आया होली त्योहार हमारी बस्ती में, जगा कर दिल के सारे तार हमारी बस्ती में’। 

डॉ. जगमोहन कुमार ने कहा कि ‘दिलों पर राज करता है मधुर जिसकी भी है बोली..... जहाँ सद्भावना बसती वहीं होती असल होली। 

युगुल किशोर सिंह ने कहा कि ‘ बाबू हमर हीरा ह, बस पढ़े में खाली धीरा ह’। जगत भूषण राज ने कहा कि ‘दिवाली में घर अपना तो होली में ससुरारी है'। 

डॉ. अनुराधा पाठक, अवधेश कु. वर्मा, ललन पाण्डेय लहरी, रामानंद शुक्ल, डॉ. दिवाकर राय, आभास झा ‘युवा’, मुनीन्द्र कु. मिश्र, नवल प्रसाद, दीनानाथ द्विवेदी ‘दीन’, अतुल आज़ाद, श्याम कुमार, चन्द्रिका राम, रजनीश कुमार मिश्र, रामजी राम आदि ने अपनी प्रस्तुति से कार्यक्रम को ऊँचाई प्रदान की। कवि-सम्मेलन का संचालन साहित्य परिषद् के महामंत्री पाण्डेय धर्मेन्द्र शर्मा ने किया। स्वागत भाषण एवं धन्यवाद ज्ञापन च.सा.सं. के संयोजक डॉ. दिवाकर राय ने किया.

टिप्पणियाँ