पीएम आवास योजन के तहत 18750 गरीबों का घर स्वीकृति है पर जमीन के अभाव में नहीं बन रहे हैं : वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता

मात्र 60 हजार रुपये में तीन डीसमील अवासिय जमीन कहा है सरकार बताए : विधायक

डी बंदोपाध्याय आयोग की सिफारिश लागू करो

बेतिया | भाकपा माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने सदन में सरकार से पुछा की में पीएम आवास योजन के तहत 18750 गरीबों का घर स्वीकृति है पर जमीन के अभाव में नहीं बन रहे हैं, इसके अलावा ठीक से सर्वे कराया जाए तो यह संख्या लाखों में होगी.

भूमिहीनों को घर बनाने के लिए सरकार मात्र तीन डीसमील खरीदने के लिए मात्र 60 हजार रूपये दे रहीं हैं, कहीं भी घर बनाने के लिए तीन डीसमील अवासिय जमीन 60 हजार रूपये में नहीं मिल रही है, जिसके कारण गरीबों का घर नहीं बन रहा है,इस राशि को बढाने की मांग करते हुए कहा कि नीतीश सरकार नहीं चाहतीं है कि गरीबों का घर बनें, 

नीतीश सरकार द्वारा गठित डी बंदोपाध्याय आयोग ने सिफारिश करते हुए कहा था कि कुल 18 लाख एकड़ तक फैली अतिरिक्त ज़मीनें हैं। जिसे 16.68 लाख भूमिहीन परिवारों को एक-एक एकड़ खेती की जमीन देने की सिफारिश की है। वही गृहविहीन एवं गैर कृषि मजदूर परिवारों को 10-10 डिसमिल जमीन देने की सिफारिश की गई है। अगर आयोग की सिफारिश लागू कर दिया जाए तो गरीबों का घर बनाने का समस्या एक सीमा तक हल हो जाती, मगर नीतीश कुमार को फिर ऐसा क्या हुआ कि इतनी महत्वपूर्ण योजना की फ़ाइल धूल खाने लगी. 

विधानसभा में आयोग की रिपोर्ट रखे जाने के बावजूद उसे लागू नहीं किया जा सका." भाजपा- जदयू सरकार का गरीब विरोधी चरित्र को उजागर करते हुए विधायक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि नीतीश कुमार गरीबों के सवालों से भाग रहे हैं, भाजपा के ऐजेंडो पर चल सामंती, अपराधी, सांप्रदायिक ताकतों को बढ़ावा देने में लगे हैं, आज भाजपा बिहार में भी फासीवादी, तानाशाही, दमनकारी नीति लागू कर रहीं हैं, माले विधायक ने डी.बंदोपाध्याय आयोग की सिफारिश को संपूर्णता में लागू करने की मांग करते हुए रहे हुए. शहरी गरीबों के लिए आवास नीति बनाने, जहां झुग्गी वहीं मकान आवास नीति बनाने, सभी भूमिहीन गरीबों को वासगीत पर्चा देने, भूमि सुधार कानून लागू करने की मांग किया।

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