किसानों को बर्बाद फसलों का मुआवजा दे सरकार: मंजुबाला पाठक

बगहा। बिहार का चंपारण एक कृषि प्रधान जिला है।यह भौगोलिक रूप से भी कृषि योग्य इलाका हैं। सरकार और अन्य स्वयंसेवी संगठनों को किसानों की भलाई हेतु सोचना चाहिए क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश हैं और यहां की अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर हैं। पिछले दिनों चंपारण सहित बिहार के अधिकांश हिस्सों में लगातार बारिश हुई और ठंड तो लगातार होते रही साथ ही बारिश के प्रकोप से किसानों की तिलहन और दलहन की फसलें बर्बाद हो गई। वैसे ही किसान पिछड़ा हैं और साथ ही किसानों की स्थिति प्राकृतिक आपदाओं से भी प्रभावित होती हैं। 

चंपारण में पहले से ही अधिकांश हिस्सों में बाढ़ की विभीषिका ने फसलों को बर्बाद किया और अब बरसात और ठंडी ने। उक्त बातें बिहार प्रदेश महिला कांग्रेस की नेत्री मंजुबाला पाठक ने संवाददाताओ से कही। उन्होंने बिहार सरकार से किसानों के बर्बाद फसलों की पैमाईश करा उचित मुआवजा देने की मांग की। यह सर्वविदित हैं कि मंजूबाला पाठक ने अपने बाबु धाम ट्रस्ट के माध्यम से चंपारण के किसानों के कल्याणार्थ बहुत काम किए। 

बाबु धाम ट्रस्ट के माध्यम से किसानों के बीच वस्त्र, कंबल और जरूरतमंद किसानों को खाद भी मुहैया कराते आ रही हैं। कोरोना काल में जरूरत सामानों की निर्बाध और निःशुल्क आपूर्ति किसानों को अपने ट्रस्ट के माध्यम से करते आ रही हैं। गन्ना किसानों के गन्ना का भुगतान करने हेतु सुगर फैक्ट्रियों के ऊपर लगातर दबाव बनाते आ रहीं हैं। 

महिला किसानों के स्ववलंबन और कौशल विकास हेतु अपने बाबु धाम ट्रस्ट के माध्यम से कार्यक्रम करते आ रहीं हैं। आज मिडिया से बात करते हुए किसानों की पीड़ा को समझते हुए मंजुबाला पाठक ने कहा कि अन्नदाताओं का सम्मान होना चाहिए साथ ही उनके फसलों का उचित दाम मिलें और फसल क्षति का क्षतिपूर्ति हेतु सरकार उचित मुआवजा दें।

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