अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद का 91वा शहादत दिवस पर माल्यार्पण एवं सभा

बेतिया | अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के शहादत दिवस के अवसर पर बेतिया राज कंपाउंड स्थित तांगा यूनियन के आदमकद प्रतिमा पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की बिहार राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रभुराज नारायण राव ने माल्यार्पण किया । इस अवसर पर बोलते हुए का. राव ने कहा कि शहीद चंद्रशेखर आजाद न केवल देश की आजादी के स्वतंत्रता सेनानी थे । बल्कि उनके पास एक सोच थी कि अंग्रेजों से मुक्ति के बाद इस देश में समाजवादी व्यवस्था का निर्माण हो । यही कारण था कि 1926 में राम प्रसाद बिस्मिल द्वारा बनाई गई हिंदुस्तान प्रजातांत्रिक सेना में संशोधन करके हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातांत्रिक सेना का नामकरण किया गया। जिसके अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद जी बनाए गए । चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह के मिलने के बाद देश के अंदर समाजवादी व्यवस्था के निर्माण के लिए बड़ी-बड़ी लड़ाइयां हुई । लाला लाजपत राय की हत्या , 13 अप्रैल 19 में जालिया वाला कांड में हजारों लोगों का शहादत , रोलर एक्ट , साइमन कमीशन के खिलाफ में कार्रवाई की गई । चंद्रशेखर आजाद काकोरी कांड जो जमींदारों के दमन का चक्र था के खिलाफ लड़ाई में भी शामिल थे । जिसमें राम प्रसाद बिस्मिल , अशफाक उल्ला खा , रोशन सिंह तथा राजेंद्र प्रसाद लाहिरी को एक ही दिन अलग-अलग जगहों पर फांसी चढ़ा दी गई । चंद्रशेखर आजाद काकोरी ट्रेन डकैती, वायसराय ट्रेन पर हमलाा, सांडर्स की हत्या आदि कई घटनाओं में शामिल थे ।  

चंद्रशेखर आजाद जब महोबा में अंग्रेजों के खिलाफ नुक्कड़ सभा कर रहे थे , तो अंग्रेजी पुलिस आने के बाद वह तो निकल गए लेकिन दर्शकों के रूप में खड़े अटल बिहारी वाजपेई ने पुलिस के भय से अपने चाचा का नाम बता दिया । जिन्हे मुखबिर कहा गया । जिस केस में उनके चाचा को दमनात्मक कार्रवाई झेलनी पड़ी । 

आज चंद्रशेखर आजाद के समाजवादी व्यवस्था के निर्माण के सपनों को पूरा करने का संकल्प हमें लेना है और उसके स्थापना किए बगैर हम चैन से नहीं बैठेंगे, संघर्ष करते रहेंगे । 

आज के इस कार्यक्रम में सीपीआईएम के जिला मंत्री चांदसी प्रसाद यादव, प्रभु नाथ गुप्ता, नीरज बरनवाल, प्रकाश वर्मा, शंकर कुमार राव, विनोद कुमार नरूला, अजय सुहाग, संतराम, राजदा बेगम सहित अनेक लोग शामिल थे ।

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