भैरोगंज। पिछले दो दिनों के बाद मंगलवार को मौसम एक बार फिर करवट ले चुका है। आसमान में बादलों का जमघट है। इनकी ओट में सूर्य दिन भर छिपा रहा। इस बीच हवा का रुख भी कम-ज्यादा होता रहा।
मालूम रहे कि पिछले सप्ताह लगातार कई दिनों के कोहरे के बाद और मंगलवार से दो दिन पूर्व यानी रविवार और सोमवार को आसमान में धूप खिला हुआ था।
तापमान में गिरावट और ठंड की ठिठुरन से आम आदमी से लेकर परेशान मवेशियों को बड़ी राहत धूप खिलने से हुई थी। बहरहाल मंगलवार से आये मौसमी बदलाव में एक बार फिर जनमानस प्रभावित है।
ठंढ से प्रभावित बातों को दरकिनार कर दें तो रवि समेत दलहन और तिलहन की खेती पर एक बार फिर सकारात्मक प्रभाव बताया जा रहा है। इसकी प्रमुख वजह रुक रुक कर पड़ते बारिश के फुहारों को वजह बताया जा रहा है। किसानों की मानें तो यही वक़्त है ,जब फसलों में यूरिया का झिड़काव बहुत जरूरी है। इससे फसलों में पाला मारने अथवा ठंड से बढ़ने वाले रोगों पर नियंत्रण प्राप्त होगा तथा इन फसलों की बढ़वार होगी। लेकिन सबसे बड़ी कठिनाई यह है कि यूरिया की किल्लत अभी भी बरकरार है। बाजारों और पैक्सों में यूरिया नदारद है।
परिणाम स्वरूप कृषि कार्य ब्लैक यूरिया की गैर कानूनन आपूर्ति पर निर्भर है। मिली जानकारी के अनुसार ईलाके में विभिन्न स्थानों पर पुरजोर बारिश की जानकारी मिली है। बताया जाता है ऐसे स्थानों पर खेतों से गन्ने की फसल को निकालकर चीनी मिलों में आपूर्ति करना ,कठिन कार्य हुआ है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें