जीविकादिदियों के लिए पर्सपेक्टिव बिल्डिंग कार्यक्रम आयोजित
बेतिया।टीबी बीमारी को समाज से पूरी तरह खत्म करने के लिए अब जीविकादीदियां भी सामुदायिक को जागरूकत करेंगी।इसके लिए बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग और कर्नाटक हेल्थ प्रोमोशन ट्रस्ट(केएचपीटी)के गौनाहा प्रखंड मुख्यालय स्तिथ जीविका कार्यालय में जीविकादिदियों का दो दिवसीय पर्सपेक्टिव बिल्डिंग वर्कशॉप का आयोजन कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए किया गया।वर्कशॉप में जीविका के बीपीएम कुणाल कुमार ने कहा कि टीबी बीमारी उन्मूलन अभियान के अंतर्गत सामुदायिक जागरूकता अभियान में जीविका दीदियों की भूमिका अहम है।जीविका दीदियां अपने स्वयं सहायता समूह के साथ साथ आस पास के लोगों को भी जागरूक करेंगी तो हम समाज से टीबी बीमारी को खत्म कर सकते है।वही केएचपीटी की जिला लीड मेनका सिंह ने बताया कि दो हफ्ते या उससे अधिक समय से खांसी आना टीबी का मुख्य लक्षण हो सकता है।
वहीं, शाम को बुखार आना, बलगम के साथ खून आना, वजन कम होना इसके अन्य लक्षणों में शामिल हो सकते हैं।उन्होंने कहा कि टीबी रोगी के खांसने, छींकने और थूकने से टीबी के जीवाणु हवा में फैल जाते हैं, और अन्य व्यक्ति के सांस लेने से यह जीवाणु उस व्यक्ति के फेफड़ों में पहुँच जाते है और उसे संक्रमित कर देते हैं। इसलिए टीबी के मरीज को साफ सफाई का ध्यान रखते हुए खांसते या छीकते समय रूमाल का प्रयोग करना चाहिए साथ ही टीबी के मरीज को नशा से परहेज करते हुए पौष्टिक भोजन लेना चाहिए।कार्यक्रम में उपस्थित जीविका के एरिया कोऑर्डिनेटर अविनाश कुमार ने बताया कि अगर समुदाय के सभी लोग जागरूक हो जाएंगे तभी टीबी से निजात पाई जा सकती है।वही केएचपीटी के सीसी रमेश कुमार ने बताया कि टीबी मरीज को निक्षय पोषण योजना के तहत सरकार द्वारा पांच सौ रुपया की प्रोत्साहन राशि प्रति महीना खाते में भेजी जाती है।मौके पर केएचपीटी के सामुदायिक समन्यवक सत्यन्त कुमार,केयर इंडिया के बीएम विजय कुमार चौबे सहित दर्जनों जीविकादीदियां उपस्थित रहीं।
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