हाईकोर्ट के आदेश को अपने ढंग से लागू करता है शिक्षा विभाग:नंदन कुमार

बेतिया | हाईकोर्ट के आदेश को भी अपने ढंग से लागू करता है शिक्षा विभाग और शिक्षा विभाग की मनमानी के कारण परेशान हो रहे हैं बिहार के हजारों शिक्षक। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने इस संबंध में मुख्य मंत्री, अपर मुख्य सचिव और निदेशक प्राथमिक शिक्षा को पत्र लिखकर आपत्ति व्यक्त की है । 

संघ के जिला महासचिव नंदन कुमार ने कहा है कि सत्र-2013-15 के दौरान राज्य में बड़ी संख्या में अप्रशिक्षित शिक्षकों को डीएलएड शिक्षक प्रशिक्षण दिया गया । समय पर उनकी परीक्षा नहीं ली गई जिसके कारण संघ ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया और हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने इन सभी की परीक्षा अक्टूबर-नवंबर 2018 में आयोजित की और परीक्षा परिणाम 31 मार्च 2019 को प्रकाशित किया गया। इस मामले में शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर परीक्षा में विलंब के लिए सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए प्रशिक्षण सत्र पूर्णता की तिथि से प्रशिक्षित का लाभ देने की मांग की थी जिसके आलोक में हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों की प्रशिक्षणचर्या पूर्णता की तिथि मई 2017 मानते हुए इस तिथि से प्रशिक्षित का लाभ देने का आदेश दिया था लेकिन निदेशक प्राथमिक शिक्षा ने पत्र जारी कर इन शिक्षकों को मई 2017 से वैचारिक रूप से प्रशिक्षित का लाभ देने का आदेश दिया और 31 मार्च 2019 की तिथि से आर्थिक लाभ देने का आदेश जारी कर दिया। 

इस मामले में हाईकोर्ट में शिक्षकों ने आपत्ति जताई तो हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग द्वारा मनमाने तरीके से हाईकोर्ट के आदेश को परिभाषित करने और मनमाने तरीके से लागू करने पर तल्ख टिप्पणी करते हुए जुर्माना लगाने तक की चेतावनी दी और साथ ही भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति नहीं होने की शर्त पर इन सभी शिक्षकों को मई 2017 से आर्थिक लाभ देने का आदेश दिया। 

किंतु हाईकोर्ट के इस तल्खी के बाद भी शिक्षा विभाग ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है जिसके खिलाफ परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री और अपर प्रमुख सचिव से आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। 

जिला सचिव अतीक अहमद व उपाध्यक्ष अब्दुल मोजीब ने कहा है कि सरकार शिक्षा विभाग पर लगाम लगाए ताकि शिक्षा विभाग संवेदनशील बने अन्यथा शिक्षकों की ऊर्जा विभाग के साथ मुकदमेबाज में अनावश्यक रूप से नष्ट हो रही है जिसका शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है। ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2021 के प्रभाव से शिक्षकों को 15% वेतन वृद्धि का लाभ दिया है जिसके आधार पर वेतन निर्धारण का कार्य चल रहा है और इन शिक्षकों को 31 मार्च 2019 के प्रभाव से प्रशिक्षित का लाभ दिए जाने की स्थिति में प्रत्येक महीने हजारों रुपए की क्षति हो रही है।

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