31 जनवरी को किसान मनाएंगे मोदी सरकार के खिलाफ "विश्वासघात दिवस"

23 और 24 फरवरी को मजदूर संगठनों द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी हड़ताल का पूर्ण समर्थन करेगा संयुक्त किसान मोर्चा

बेतिया | बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव प्रभुराज नारायण राव ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 31 जनवरी को देश भर में "विश्वासघात दिवस" मनाया जाएगा । उस दिन बिहार सहित सभी जिला स्तर पर प्रधानमंत्री का पुतला दहन रोष प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। मोर्चे से जुड़े सभी किसान संगठन जोर शोर से इसकी तैयारी में जुट गए हैं । याद रहे कि किसानों के साथ हुए धोखे का विरोध करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 जनवरी की अपनी बैठक में यह फैसला किया था। इन प्रदर्शनों में केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन भी दिया जाएगा । 

केन्द्र सरकार का किसान विरोधी रुख इस बात से जाहिर हो जाता है कि 15 जनवरी के फैसले के बाद भी भारत सरकार ने 9 दिसंबर के अपने पत्र में किया कोई वादा पूरा नहीं किया है। 

आंदोलन के दौरान हुए केस को तत्काल वापस लेने और शहीद परिवारों को मुआवजा देने के वादे पर पिछले दो सप्ताह में कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। एमएसपी के मुद्दे पर सरकार ने कमेटी के गठन की कोई घोषणा नहीं की है। इसलिए मोर्चे ने देशभर में किसानों से आह्वान किया है कि वह "विश्वासघात दिवस" के माध्यम से मोदी सरकार तक अपना रोष पहुंचाएंगा । 

संयुक्त किसान मोर्चा ने यह स्पष्ट किया है कि किसान विरोधी सत्ता को सबक सिखाया जाएगा। इसके तहत अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त और गिरफ्तार ना करने, केंद्र सरकार द्वारा किसानों से विश्वासघात करने के खिलाफ आंदोलन जारी रखेगा । बैठक ने तय किया कि आगामी 23 और 24 फरवरी को देश की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मजदूर विरोधी चार लेबर कोड को वापस लेने के साथ-साथ किसानों को एमएसपी और प्राइवेटाइजेशन के विरोध जैसे मुद्दों पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान को संयुक्त किसान मोर्चा का पूरा समर्थन और सहयोग रहेगा ।

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