17 फरवरी से आशकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को सफल बनाने को लेकर बड़ा रमना में मिटिंग सम्पन्न

17 फरवरी से हड़ताल और इसी दरमयान । 23-24 फरवरी को डीएम के समक्ष होगा प्रदर्शन

काम जमकर लेना ,मेहनताना देने में टालमटोल व आनाकानी करना और आशाओं की घोर उपेक्षा करना नहीं चलेगा- प्रतिमा कुमारी.

बेतिया, 30 जनवरी 2022

बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ एव आशा सँयुक्त संघर्ष मंच के आह्वान पर आगामी 17 फरवरी से राज्य में आशाकर्मियो के अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी में बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ ककी जिला अध्यक्ष प्रतिमा कुमारी की आध्यक्षता में बाडा रमना में मिटिंग सम्पन्न हुआ.

प्रतिमा कुमारी ने बताया कि अनिश्चितकालीन हड़ताल आशाओं की जान जोखिम में डाल जमकर काम लेना ,मेहनताना -बकाया व समझौता को लागू करने में टालमटोल व आनाकानी करना तथा आशाओं की डबल इंजन सरकार द्वारा डबल उपेक्षा जारी रखे जाने के दस्तूर के खिलाफ होगा। 

आशा नेत्री प्रतिमा कुमारी ने बताया कि आशाओं की 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल मासिक *पारितोषिक* शब्द को मासिक *मानदेय* घोषित करने,1000 राशि को बढ़ाकर 10 हजार रुपया प्रतिमाह करने , 2019 के वित्तिय वर्ष से मासिक 1000 रु पारितोषिक का बकाया का भुगतान जल्द से जल्द करने ,कोरोना कार्यों के लिए सभी आशा व फैसिलिटेटर को 10 हजार रुपया कोरोना भत्ता भुगतान करने सहित 6 सूत्री मांगों पर होगा, साथ ही

2019 में संपन्न समझौता की मांगों में से 10 मांगे जिसे अबतक लागू नही किया गया उसे लागू करने की मांग भी प्रमुखता से उठाया जाएगा।

नेताओं ने डबल इंजन की तथाकथित डबल विकास की नीतीश- भाजपा सरकार को डबल झांसे की सरकार बताते हुए आरोप लगाया कि यह सरकारी आशाओं को बेगार के रूप में खटाना चाहती है और इनके परिश्रम का श्रेय बिहार सरकार ले रही है।

जुलाई से 400 रु प्रति माह कोरोना कार्य का मेहनताना दिया जा रहा हैं जबकि बाकी समय के कोरोना कार्य का एक भी पैसा आशाओं को भुगतान नहीं किया गया है। बेगार के तौर पर कोरोना काम जान जोखिम में डाल कर आशा अब नहीं करेंगी।


भाकपा माले नेता सुनील राव ने कहा कि नीतीश-भाजपा सरकार द्वारा आशा से काम जमकर लेना ,मेहनताना देने में टालमटोल व आनाकानी करना और आशाओं की घोर उपेक्षा करना नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि बकाया व अन्य भुगतान तथा 2019 में संपन्न समझौता के तहत 10 मांगों को लागू करने के मामले में सरकार का रवैया टालू है,जो आशाओं के लिए अपमान का मुद्दा है।

मिटिंग में शिव कुमाकुमारी, सुनीता, मंजु, मधु, प्रभा,मीना, बिनिता,मनोरमा, सीमा आदि आशा नेत्रीयों ने भी मिटिंग को संबोधित किया.

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