भाकपा माले ने निकाला सांप्रदायिकता विरोधी सेक्युलर मार्च

भाकपा-माले ने बेतिया में बाबरी मस्जिद की शहादत व डाॅ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर रेलवे स्टेशन से जिला समाहरणालय गेट स्थित आदमकद प्रतिमा तक सांप्रदायिकता विरोधी सेक्युलर मार्च किया. 

समाहरणालय गेट स्थित आदमकद प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए सभा किया, सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सह किसान महासभा जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने कहा कि भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में लोकतंत्र व धर्मनिरपेक्षता गहरे खतरे में है. 

अल्पसंख्यक और दलित समुदाय को लगातार निशाना बनाया जा रहा है और पूरे देश में उनके खिलाफ नफरत का माहौल बनाया जा रहा है. देश की गंगा-जमुनी तहजीब को नष्ट कर फासीवाद थोपने के प्रयास जारी हैं. जिसको हरगिज़ पुरा नहीं होने दिया जाएगा, 

भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सह नगर सचिव रविन्द्र कुमार रवि ने कहा कि संविधान के निर्माण में जिस भीमराव अंबेडकर का सबसे बड़ा योगदान रहा, उनका नाम लेने का नैतिक अधिकार भाजपा-संघ को नहीं है. हर कोई जानता है कि ये लोग संविधान को ही खत्म कर देना चाहते हैं. 

लोकतंत्र व धर्मनिरपेक्षता हमारे संविधान की आत्मा है. हमारा संविधान हमारे नागरिकों को अधिकार व कर्तव्य देती है. लेकिन विगत 26 नवंबर को प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि अधिकारों पर बहुत चर्चा होती है. यह सही नहीं है. 

कुल मिलाकर फासीवाद की विचारधारा संविधान के स्थान पर मनुस्मृति को ही संविधान बनाने पर तुली हुई है. जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

इनौस जिला अध्यक्ष सह इंसाफ मंच नेता फरहान राजा ने कहा कि देश की अमन, जम्हूरियत व तरक्की पसंद जनता से संविधान, लोकतंत्र व धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए देश के छात्र और नौजवान सांप्रदायिकता विरोधी संघर्ष का नेतृत्व करने का आज संकल्प लेता है, इस अवसर पर इनौस नेता सुरेन्द्र चौधरी, यासिर अरफात, भाकपा माले नेता धर्म कुशवाहा, भरत ठाकुर, संम्भु राम, भोला पटेल, हारून गद्दी, ठाकुर साह आदि नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया.

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