शिक्षा के बिना जीवन अधूरी है:अमीरे शरीयत

शिक्षा के बिना मुसलमानों के हालात नही सुधर सकते हैं।

बेतिया | संवाददाता

पटना फुलवारीशरीफ स्थित इमारते -ए-शरिया के आठवे अमीरे -ए-शरीयत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी दो दिवशीय दौरे पर गुरुवार को बेतिया पहुँचे। जंगी मस्जिद स्थित सज्जाद पब्लिक उर्दू लाइब्रेरी का निरीक्षण किये।

प्रेस वार्ता में सवालों के जबाब देते हुए कहा कि इमारत की प्राथमिकता मुसलमानों में तालीम के ग्राफ को बढाना है ताकि मुस्लिम लड़के और लड़कियां उच्च तालीम हासिल कर सके।आज मुसलमानो के अंदर तालीम की बहुत कमी है।

मुसलमानों के पवित्र कुरान में तालीम को अल्लहा ताला ने सबसे अहम और जरूरी बताया है,लेकिन सच्चर कमिटी के रिपोर्ट के मुताबिक मुसलमानों में तालीम का ग्राफ काफी नीचे है।

इसको ऊँचा उठाने और आगे बढाने के लिये इमारत हमेशा तैयार है, मे तालीमजिससे वे आगे नही जा पाते हैं। उन्होंने कहा कि इमारत हर जिलों में प्राइमरी, मिडिल के साथ-साथ आवासीय विद्यालय खोलने का प्लान तैयार किया है। इसके लिये अमीरे शरीयत ने लोगो से हर तरह से मदद करने की अपील की है। इतना ही नही इमारत के पास तो बहुत से कम है, लेकिन सबसे अहम और जरूरी कामो में से एक काम है तालीम को मुसलमान बच्चे और बच्चियों को दिलाना है।उन्होंने कहा कि आनेवाले दिनों में इमारत तालीम के मामले में अपना एक अलग मुकाम हासिल करेगा।

अभी अमीरे सरियत का जिम्मा सम्भाले कुछ महीने हुए है, धीरे -धीरे सूबे के मुसलमानों के बच्चे और बच्चियों के अंदर तालीम दिलाने का काम भी पूरा कर लिया जाएगा। ताकि बच्चे और बच्चियां उच्च तालीम के साथ -साथ हर छेत्र में आगे जा कर इस कौम का नाम रौशन कर सके। साथ ही कहा कि इमारते शरिया 282 मदरसे और96 मख्तब का संचालन करता है। उन्होंने बताया कि हर जिले में आवासीय विद्यालय के साथ-साथ पैरामेडिकल और आईटीआई संस्था खोलने के ऊपर भी काम शुरू कर दिया है।

इमारते शरिया लोगो के बुनियादी मसले को सुलझाने,जमीन सम्बंधित मसले,आपसी झगड़े और तलाक जैसे मुद्दे को सुलझाने का काम कर रहा है।उन्होंने अपने वालिद मरहूम के द्वारा किये गए कामो को आगे तक ले जा रहे हैं।

मुस्लिम बच्चे और बच्चियों को रहमानी 30 के तर्ज पर कोचिंग शुरू करने की बात कही ताकि बच्चे और बच्चियां मेडिकल, इंजीनियरिंग के साथ-साथ देश के उच्च से उच्च पदों पर पहुँच सके इसके लिये इमारत काम शुरू कर दिया है।

मौके पर प्रो.सफदर इमाम कादरी,जाकिर बलीग़, डॉक्टर जावेद कमर,रूहल अमीन,मौलाना नजमुद्दीन अहमद कासमी,अब्दुल खैर नश्तर, प्रो.नशीम अहमद, ज़ुबैर अहमद,नशीर अहमद, खलिकुज्ज्मा उपस्थित थे।

टिप्पणियाँ