नवनिर्मित बगहा व्यवहार न्यायालय में 15 न्यायलीय भवन, सुविधा केंद्र और हाजत भवन का मुख्य न्यायाधीश संजय करौल ने किया उद्घाटन

बगहा अनुमंडल स्थित व्यवहार न्यायालय बगहा में रविवार के दिन नवनिर्मित बने व्यवहार न्यायालय भवन का उद्घाटन बिहार के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल के द्वारा किया। जिसमें 15 न्यायलीय भवन के साथ ही सुविधा केंद्र और हाजत भवन का भी उद्घाटन मुख्य अतिथि मुख्य न्यायाधीश संजय करोल के द्वारा किया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति सुधीर सिंह मौजूद रहे। 

कार्यक्रम में पश्चिमी चंपारण के जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय आनंद तिवारी, डीआईजी प्रणव कुमार प्रवीण पश्चिमी चंपारण के डीएम कुंदन कुमार, बगहा एसपी किरण कुमार जाधव के साथ बगहा व्यवहार न्यायालय, बेतिया व्यवहार न्यायालय ,नरकटियागंज व्यवहार न्यायालय के गणमान्य जज और मजिस्ट्रेट उपस्थित थे। मुख्य न्यायाधीश ने 15 न्यायलीय भवन, सुविधा केंद्र ,हाजत भवन उद्घाटन फीता काटकर किया। 

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर मुख्य न्यायाधीश ने शुरू किया। इस कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश के स्वागत में थारू संस्कृति का पारंपरिक नृत्य झमटा की प्रस्तुति हुई। जिला एवं सत्र न्यायाधीश बेतिया विजय आनंद तिवारी से मुख्य न्यायाधीश संजय करोल को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। 

बगहा के एडीजे प्रथम अविनाश कुमार पांडे ने निरीक्षी न्यायमूर्ति सुधीर सिंह को, एसीजेएम संदीप पटेल ने डीआईजी प्रणव कुमार प्रवीण को, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सोनू कुमार ने डीएम कुंदन कुमार और पी कुमार ने बगहा एसपी किरण कुमार जाधव को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। 

कार्यक्रम का संचालन दीपक राही द्वारा किया गया। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने अपने संबोधन में कहा कि बगहा के लिए नए नवनिर्मित भवन के लिए सभी को शुभकामनाएं दी। साथ ही उन्होंने बताया कि बिहार में न्यायिक व्यवस्था भारत में नंबर वन पर है । पिछले 2 साल में कोरोनावायरस के दौरान भी सबसे ज्यादा मामलों का निपटारा और केस फाइलिंग बिहार में हुआ है। इसके साथ ही पश्चिमी चंपारण जिला में 90 हजार मामले लंबित है।जो चिंता का विषय है। 

इन मामलो में 100 से अधिक ऐसे मामले हैं जो 30 वर्ष से पुराने हैं साथ ही 500 से अधिक ऐसे मामले हैं जो 20 वर्ष से पुराने हैं। न्यायिक अधिकारियों, प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियो और बार के अधिवक्ताओ से इस मामले में सहयोग करने की अपील की ताकि लोगो को समय से न्याय मिल सके। 

साथ ही उन्होंने कहा की डिफेंस के लोगो के मामलो को प्राथमिकता देकर निस्पादित करें। इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने अपने संबोधन में बगहा, बेतिया और नरकटियागंज के न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं को कहा की गरीबों के लिए व्यवहार न्यायालय ही सबसे बड़ा कोर्ट है। इसलिए ऐसा फैसला दे की उनको किसी दूसरे न्यायालय में जाने की ज़रूरत नही पड़े। 

इस मौके पर बगहा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदु भूषण पांडेय ने कहा की न्यायालय मंदिर है और यह मंदिर ही बना रहे तो बेहतर होगा। यहां लोग पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ आते हैं। बगहा बार के अधिवक्ताओं में सोहन प्रसाद, गजेंद्र धर मिश्र, शशांक कुमार, मनोज कुमार पांडेय, चंद्रभूषण शांडिल्य सहित दर्जनों अधिवक्ता और बगहा व्यवहार न्यायालय के कर्मीयों में अजय पांडे , तंजीम रब्बानी , मनोज कुमार सिंह आदि भी मौजूद थे।

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