अभी तो यह अंगड़ाई है, आगे और लडाई है, .

कृषि कानून का खात्मा झाकी है,CAA,UAPA/चार श्रम कोड अभी बाकी है- माले

तीनों कृषि कानून को वापस लेने के ऐलान पर भाकपा माले के नेताओं कार्यकर्ताओं ने बेतिया शहीद पार्क में शहीद किसानों को श्रधांजलि देते हुए अबीर लगा कर खुशी मनाया,

भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सह किसान महासभा जिला अध्यक्ष सुनील राव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान किया है, और उन्होंने गलती मानते हुए देश से माफ़ी मांगी है, हम इस घोषणा का स्वागत करते हैं, यह देश के किसान आंदोलन जीत है, जिन किसान साथियों ने यानी 667 किसानों ने इस दौर में अपनी जान गवाई है दर असल उनकी कुर्बानीयों की जीत है, निश्चित रूप से पंजाब हरियाणा, यूपी, बिहार महाराष्ट्र सहित देश के किसानों ने अभूतपूर्व योगदान दिया है, दरअसल यह उनकी यह जीत है, उन्हें धन्यवाद दिया, आगे कहा कि यह किसान आंदोलन और सीमा पर मोर्चा तब तक चलेगा जब तक तीनों कृषि कानून को खत्म करने की कानूनी प्रक्रिया पुरा नही हो जाता, एमएसपी की गारंटी का कानून नहीं बन जाता, इस दौरान किसानों पर किया गया मुकदमा वापस नहीं होता, लखीमपुर खीरी के किसानों के हत्यारे का गिरफ्तारी नहीं हो जाता, चार श्रम कोड कानून वापस नहीं हो जाता यह लड़ाई जारी रहेगा, इस मौके पर सुरेन्द्र चौधरी, विनोद कुशवाहा, हारून गद्दी, संजय राम, रामबाबू प्रसाद, पारन शार्मा, अमरनाथ शार्मा, धर्मेन्द्र प्रसाद आदि नेताओं ने भी संबोधित किया.

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