अनिल चौधरी और चुन्नी मांझी के शवों को चंपारण लाने को लेकर जिला अधिकारी को भाकपा माले ने दिया मांग पत्र
गृहमंत्री अमित शाह द्वारा उत्तराखंड भूस्खलन रेस्क्यू आपरेशन बंद करने के घोषणा के खिलाफ माले ने किया विरोध प्रदर्शन
बेतिया | गृहमंत्री अमित शाह द्वारा उत्तराखंड भूस्खलन रेस्क्यू आॅपरेशन बंद करने की घोषणा के बाद अनिल चौधरी और चुन्नी मांझी के शवों को मलवे से निकालने के अभियान पर रोक लग गया है, इस रोक के खिलाफ रेस्क्यू आपरेशन चालू करने और अनिल चौधरी और चुन्नी मांझी के शवों को चंपारण लाने की मांग पर भाकपा माले और खेत व ग्रामीण मजदूर सभा ने जिला अधिकारी के समक्ष विरोध प्रदर्शन कर 5 सुत्री मांग पत्र सौपा, भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सुनील राव ने कहा कि अनिल चौधरी और चुन्नी मांझी का शव अभी मलवे में दबे हुए हैं ऐसे स्थिति में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा भूस्खलन रेस्क्यू आपरेशन बंद करने की घोषणा मानवता विरोधी कदम है, उन्होंने कहा कि भाजपा का मजदूर विरोधी, गरीब विरोधी चरित्र उजागर हो चुका है, अनिल चौधरी और चुन्नी मांझी की लाशें जब तक नहीं मिलती तब तक रेस्क्यू आॅपरेशन जारी रखने की मांग किया, निर्माण मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष जवाहर प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि जिस तरह से बिहार में रोजगार नहीं मिलने की मजबूरी में देश के कोने कोने में मजदूर काम कि खोज में जा रहे हैं जहां उन्हें विभिन्न किस्म की समस्याओं से जूझना पड़ता है ऐसे में प्रवासी मजदूरों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाना चाहिए और प्रशासनिक तौर पर बिहार सरकार देश के सभी जिलों में बिहार प्रवासी मजदूर कल्याण कार्यालय स्थापित करने की मांग किया, इंकलाबी नौजवान सभा नेता सुरेन्द्र चौधरी ने बिहार सरकार को घोषणा 19 लाख रोजगार देने की घोषणा को याद दिलाते हुएं 19 लाख रोजगार देने की योजना पर काम करें, नये नये क्षेत्रों में काम का सृजन करने की मांग किया, मोदी सरकार की दो करोड़ रोजगार देने की घोषणा जैसे जुमला बनाने की कोशिश नहीं करे, नहीं तो बिहार के मजदूर और नौजवान रोजगार को लेकर बड़ा जन आंदोलन खड़ा करेगा
भाकपा माले नेता सुमंत साह ने कहा कि मृतक लोगों के शवों को नहीं निकालने पर उन्हें मुआवजा मिलने में भी दिक्कत होगी यह उनके परिजनों के साथ घोर अन्याय होगा, बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा सिर्फ ₹2 लाख मुआवजा देने की घोषणा को मजदूरों के जीवन के प्रति उपेक्षा भाव से की गई घोषणा बताया, माले नेता ने बिहार से बाहर रखने वाले मजदूरों को बिहार की तरह ही आपदा में मिलने वाली मुआवजा राशि की तरह ₹500000 देने की मांग की! प्रदर्शन में चुन्नी मांझी की पत्नी शारदा देवी, चुन्नी मांझी की पुत्री निर्माला , ललिता, किरण, बुन्ती, 5 वर्ष का पुत्र कुलदीप के आलावा मृतक चुन्नी मांझी के भाई रामचंद्र माझी, भाकपा माले नेता सुरेश शर्मा, योगेन्द्र यादव, मनबोध साह, हारून गद्दी, धर्म कुशवाहा, रिखि साह आदि लोगों ने भी सभा को संबोधित किया अंत में 5 सुत्री मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम जिला अधिकारी को सौपा।
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