कैडरों को, स्टाफ के द्वारा किया जाता है शोषण, परिवार के भरणपोषण में हो रही परेशानी
कैडर की मानदेय 1630 तथा मनरेगा मजदूर को 6 हजार मंथली
बगहा। बगहा में शनिवार को भैरोगंज के मंदिर के प्रांगण में दर्जनों कैडरों ने परियोजना के खिलाफ दोनों हाथ उठाकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके दौरान कैडर भारती कुमारी ने बताया कि परियोजना के वरीय अधिकारियों ने कैडरों के साथ मनमानी कर रहे हैं। जिससे। कैडरों का परिवार के भरणपोषण के ऊपर काफी प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है। साथ ही पर्व त्योहार पर मानदेय नहीं देना दुःखद बात है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक तरफ भारत सरकार से लेकर बिहार सरकार तक जीविका समूह को सशक्तिकरण की बात कह रही है। दूसरी तरफ से जीविका के कैडरों के साथ भेदभाव रखना वरीय अधिकारियों को कितना जायज है।
वही कैडरों के मानदेय को लेकर कहा कि बीए इंटर मैट्रिक परीक्षा पास कैडरों को महज महीने के मानदेय 1630 रुपये दिया जा रहा है। जबकि निरक्षर मनरेगा के मजदूरों को 200 रुपये प्रति दिन के हिसाब से मजदूरी दिया जाता है। कितना अंतर है इस रकम का एक परिवार को चलाने के लिए कम से कम 10 हजार से 15 रुपये में परिवार का भरणपोषण होता है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जीविका के कैडरों के साथ किस प्रकार की भेदभाव की जा रही है। हम सभी कैडरों की मांग है कि मानदेय के रूप में न्यूनतम मानदेय 10 हजार रुपए करे। तथा समय के साथ कैडरों को महीने के अंत तक मानदेय मिल जाये।
साथ ही परियोजना के अधिकारियों का शोषण कैडरों के विरुद्ध बंद हो। यदि हम जीविका के कैडरों के साथ अन्याय को रोका नहीं गया तो इसके सड़क पर प्रदर्शन कर सरकार के शरण जाना ही पड़ेगा। इसके दौरान उपेंद्र कुमार साह सतीश साह रत्नेश कुमार सिंह संदीप कुमार शर्मा दुर्गावती देवीसलमा खातून साबिया खातून दुर्गावती देवी विनोद कुमार साह सलोनी कुमारी ममता देवीप्रीति कुमारी दुलारी देवीसीमा देवी लीलावती देवी सहित दर्जनों की संख्या में कैडर मौजूद थे।
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