बेतिया राज के अधिकारी और कर्मचारी लगे है अपनी झोल भरने मे

बेतिया | बेतिया राज की सम्पत्ति इसका अनुमान लगाना मुश्किल है परंतु इसके रखवाले कानून की आड़ मे किस तरह लूट रहे है इसे कोई भी आसानी से देख सकता है हालांकि अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा ईमानदारी का पूरा सबूत दिया जाने रहा है परंतु यह कतई विस्वास करने लायक नहीं है।

बेतिया राज खज़ाना, एशिया की सबसे बड़ी चोरी

 प्रतिदिन मेला क्षेत्र एवं अन्य जगहों पर दुकानदारों, ठेलागाड़ियों एवं व्यावसायिक वाहनों से जो वसूली की जाती है उसमे से नाम मात्र की ही राशि ख़ज़ाने मे जमा की जाती है।

ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को नहीं है परंतु वो भी संसाधनों की कमी को बहाना बनाते हुये इस लूट की जानकारी से पल्ला झाड़ लेते है । यही नहीं अधिकारियों की मोटी कमाई का रास्ता है राज की सम्पत्ति पर अवैध कब्ज़ा और निर्माण, जिसके कारण in कर्मचारियों और अधिकारियों को मोटी कमाई होती है अगर सूत्रों की बात को सच माने तो प्रत्येक निर्माण करने वाली से एक निश्चित रकम लेकर उन्हें व्यावसायिक प्रांगण निर्माण करने की ईज़ाजत (आंख मूँद ली) जाती है हालांकि कुछ मामलों मे FIR का ढोंग  जाता है परंतु वो निर्माण हो जाता है जिसका ताजा उदाहरण दुर्गा बाग, कबीर चौक, चेक पोस्ट इत्यादि है। 

एक अनुमान के मुताबिक बेतिया राज की काग़ज़ी आमदनी से हजारो गुना उनके मातहत लोगों की आमदनी हैं , यही नहीं इन्हीं अधिकारियों के द्वारा बेतिया राज के अस्तित्व को सुरक्षित रखने के प्रति भी लापरवाही दिखाई जाती है।

यही नहीं अगर देखा जाय तो बेतिया राज जमीनों पर बड़े बड़े व्यावसायिक काम्प्लेक्स का निर्माण कर लाखों लाख की कमाई भू माफियाओं द्वारा की जाती है कोई सबूत नहीं होने के बाबजूद भी is बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इसका मोटा हिस्सा इनके अधिकारियों तक पहुंचाया जाता होगा।

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