बेतिया। कोरोना-संक्रमण के विरुद्ध महीनों से जारी टीकाकरण अभियान के बावजूद अब तक 66 फीसदी आबादी को टीके की पहली खुराक दी जा सकी है। जबकि कुल 23 फीसदी आबादी का ही दोनों डोज ले लेने से उनका टीकाकरण पूरा हो पाया है।
कोरोना वैक्सीन के सरकार द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराए जाने के बावजूद जानलेवा रोग के प्रति ऐसी उदासीनता खतरनाक है।
उक्त बातें नगर निगम की निवर्त्तमान सभापति गरिमा देवी सिकारिया ने कही। वे शनिवार को वार्ड 24 के हजारीमल धर्मशाला रोड स्थित पतालेश्वरनाथ मंदिर परिसर में आयोजित कोरोना के वैक्सिनेशन शिविर की शुरूआत करने के बाद बोल रहीं थीं।
उन्होंने कहा कि 26 सितंबर से अनलॉक 7 शुरू होने को लेकर सरकार से जारी एडवाइजरी में स्पष्ट किया गया है कि दशहरा के पूजा पंडाल से लेकर मेला तक में प्रवेश की अनुमति केवल उन्हीं लोगों को दी जायेगी, जिन्होंने टीके का कम से कम पहला डोज ले लिया हो। इसलिए सभी को सजग होना और जरूरी हो गया है। श्रीमती सिकारिया ने इसके साथ ही बताया इस बीच एक टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के लिए सरकार की ओर से भी एक अच्छी पहल की जा रही है।
जिसके तहत दिव्यांगजन के अतिरिक्त चलने-फिरने में असमर्थ बृद्ध व लाचार लोगों को भी उनके घर पर ही टीका लगाए जाने का निर्णय किया गया है। चेतावनी के लहजे में निवर्त्तमान सभापति ने कहा कि सरकार व जिला प्रशासन की तरह लोगों का सजग नहीं होना खतरनाक हो सकता है। इस मौके पर नवेन्दु चतुर्वेदी, इंदल कुमार, अनुराग चतुर्वेदी की सराहनीय भूमिका रही।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें