कटाव पीड़ित सैकड़ों परिवारों का घर मकान समेत पुनर्वास हो
गन्ना एवं धान की फसल समेत हजारों एकड अपनी जमीन् के कटाव से पीड़ित किसानो के जीवन जीविका की बव्यस्था करे सरकार
फ्लड़फाइटिंग के अधूरे कार्य पुरा हो
2000किविंटल धान बीज बितरण घोटाला की जाँच हो
बिसियों हज़ार ऐकड़ बर्बाद गन्ना व धान की फसल का मुआवाजा दे सरकार
6 सितम्बर की आपदा प्रबंधन की बेतिया बैठक मे पिपरासी के काँटी के 100,दोन गर्दी के 45,गोबरहिया मदरहनी के 25,रामनगर शेरवा के 08,मैनाटांड़ के बिरंची के 22,बकुलाहिया के आठ कमलानगर के दो परिवारों समेत जिले के कई सौ परिवारों के, जिनके घर नदी मे समाहित हो गये, उनके पुनर्वास के बारे में बिचार नहीं किया गया।ठीक उसी तरह पिपरासी के सेमरा लबेदहा,बगहा 1 के रजवाटिया,बगहा 2 के चकदहवा, नौरांगिया, रामनगर के शेरवा,मैनाटांड़ के डमरापुर, भगहा, सिसवा,सिकटा के नरकटिया मोगलाहिया,सुनरगावा ,महेशाड़ा, कदमवा जैसे बिसियो गावों की हज़ारों एकर धान- गन्ना की फसल समेत जमीन नदी के गर्भ में चली गयी।
उन बर्बाद किसानो की जीवन जीविका के बारे में कुछ नहीं सोचा गया ।बैठक में उपमुख्यमंत्री सह आपदा प्रबंधन प्रभारी ने पदाधिकारियों के बहाने अपना पीठ थपथपाने का काम किया जो सरकार की कटाव पीड़ितों के प्रति संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है।उक्त बक्तव्य भाकपा माले केंद्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक बीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने देते हुए आगे कहा कि जिस फ्लड फाइटिंग वर्क को सरकार अपनी उपलब्धि बता रही है ,वह सभी जगह अधूरा है।और अनियमितता भरा है ।
सिकटा के नरकटिया,छपाईनिया,सूर्यपुर,मैनाटांड़ के बिरंची, बकुलाहिया,भोगाही टोला जैसे अनेक जगहों पर काम गिनाया गया है लेकिन वहां बाढ़ कटाव से नुकसान जारी है। काम का चौथाई भी पुरा नहीं किया गया है। सरकार की यह कार्य प्रणाली समस्याओ को बनाये रखो और लूट का रास्ता प्रसस्त करो वाली है।
माले नेता ने आगे कहा की बिसियों हज़ार एकर गन्ने की बर्बाद फसल को ७००० एकर मे समेटा जा रहा है।जो बर्बाद किसानो के साथ अन्याय है।माले नेता ने इस सम्बन्ध में आगे कहा की सरकार ने अभी तक न तो गरीबो के बीच न किसानो के बीच राहत पहुंचाया।
पचासों बाढ़ प्रभावित पंचायतो के बदले अंशिक रूप से बीस बाढ़ प्रभावित पंचायत बताया जा रहा है। इससे सरकार की मंशा का पता चल जाता है।
माले नेता ने कटाव पीड़ितों के जमीन मकान समेत पुनर्वास, कटाव पीड़ित किसानो के जीवन जीविका की ब्यवस्था, बिसियो हज़ार एकर बर्बाद गन्ना व धान की फसल का मुआवाजा देने और बाढ़ पीड़ित गरीबो के बीच राहत् देने की मांग की । उन्होंने 2000 किविंटल धान के बीज वितरण के मामले की भी जाँच कराने की मांग की। -वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता
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