27 सितंबर का भारत बंद ऐतिहासिक बनाने के लिए किसान महासभा के कन्वेंशन में उमड़ा जनसैलाब - किसान महासभा
मोदी सरकार कंपनी राज थोपना चाहती- वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता
किसानों ने खेती में हुए घाटा को साझा किया मंच से
बेतिया । मोदी सरकार का तीनों काला कृषि कानून हिंदुस्तान में कंपनी राज स्थापित करने का कानून है हिंदुस्तान के किसान इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे तीनों काला कृषि कानून रद्द करने के लिए 27 सितंबर को चंपारण के किसान सड़कों पर उतर कर के इस ऐतिहासिक बनाएंगे।
उक्त बातें अखिल भारतीय गन्ना किसान उत्पादक महासभा के राज्य अध्यक्ष और सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने किसान महासभा द्वारा आयोजित बैरिया के कन्वेंशन में कहा। उन्होंने कहा ईस्ट इंडिया कंपनी ने नील की खेती के द्वारा किसानों को गुलाम बना लिया था मोदी के तीनों काला कृषि कानून भी किसानों को गुलाम बना देगी। देश में कंपनी राजा स्थापित हो जाएगा।
किसान इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा चंपारण में बाढ़ और अतिवृष्टि से लाखो एकड़ में लगे गन्ना, सब्जी और धान के फसल बर्बाद हो गए हैं लेकिन उसके मुआवजा के लिए सरकार ने अब तक पोर्टल नहीं खोला है विधायक ने कहा नीतीश सरकार भी किसान विरोधी है।
उक्त अवसर पर किसान महासभा के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार राव ने कहा पश्चिम चंपारण में 100000 एकड़ में लगी गन्ना फसल बर्बाद हो गया लेकिन सरकार कम करके आकलन कर रही है ।इस वजह से हजारों किसान मुआवजा से वंचित रह जाएंगे। उन्होंने कहा जिला प्रशासन सही सर्वे कराएं और बर्बाद हुई फसलों का अविलंब मुआवजा दें। मुखिया महासंघ के अध्यक्ष नवीन कुमार ने कहा अतिवृष्टि के वजह से बैरिया प्रखंड के हजारों हेक्टेयर में लगे धान गन्ना सब्जी और मछली पालन करने वाले किसानों के उत्पाद बर्बाद हो गए हैं इसका आकलन कर अविलंब मुआवजा दिया जाए।
कन्वेंशन में किसान नेता हेमंत साह ने कहा पैक्स द्वारा धान कटाई के समय किसानों का धान नहीं खरीदा जाता है जिसके वजह से औने पौने दामों पर बिचौलियों को बेचने के लिए बाध्य हो जाते हैं ।धान कटाई के समय ही उसके धान खरीद की गारंटी किया जाए। सब्जी किसान सुरेंद्र साह और विनोद कुशवाहा ने बताया कि 1 एकड़ की सब्जी की खेती में करीब 35 से ₹40000 खर्च लगता है इसमें करीब डेढ़ लाख रुपए का उत्पादन होता है।
बाढ़ की वजह से फसल बर्बाद हो गया लेकिन उसका मुआवजा अब तक नहीं मिला। मछली पालन करने वाले किसान जोगेंद्र चौधरी ने कहा कि 1 एकड़ के तालाब में 900000 की मछली होती लेकिन बाढ़ की वजह से मछली भाग गई। मछली पालन में मिलने वाला अनुदान में भारी कमीशन खोरी है इस पर रोक लगनी चाहिए ।
गन्ना किसान अखिलेश प्रसाद ने कहा कि 15 कट्ठा में लगा 0 238 गन्ना अतिवृष्टि की वजह से बर्बाद हो गया इसमें मुझे सवा लाख का उत्पादन होता इसके बीमारी का जांच न चीनी मिल न सरकार ने कराया है। वैज्ञानिक को भेज कर इसका जांच कराना चाहिए।अब तक मुआवजा भी नहीं मिला है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेंद्र चौधरी, विनोद कुशवाहा, कृष्णा प्रसाद, ठाकुर साह, हारून गद्दी की 5 सदस्यीय टीम ने किया। कार्यक्रम में माले नेता जोखू चौधरी आसाराम, रामबालक यादव, बैजनाथ यादव, वासुदेव राम ,आमिर लाल साह चंदा देवी ऊषा भारती आदि मौजूद।
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