राजद ने जातिय आधारित जनगणना कराने, महंगाई पर रोक लगाने तथा बेरोजगारी को दूर करने की मांग केंद्र की भाजपा सरकार से की है।
आज शहर के महाराजा पुस्तकालय से राजद जिलाध्यक्ष इफ्तेखार अहमद उर्फ मुन्ना त्यागी के नेतृत्त्व में राजद नेता और कार्यकर्ता शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए समाहरणालय पहुँच सरकार के विरोध में नारेबाजी किये।कार्यकर्ता जातिय आधारित जनगणना कराने,महंगाई को कम करने आदि का स्लोगन लगाते चल रहे थे।
राजद जिलाध्यक्ष इफ़्तेख़ार अहमद उर्फ मुन्ना त्यागी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा।उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से अबतक जातिय आधारित जनगणना सरकार नही करा रही है।उन्होंने कहा कि 7 अगस्त 1990 को तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार ने मंडल आयोग की सिफारिश को लागू किया था।जो 1931 कि जनगणना के आधार पर तैयार किया गया था।
90 साल में सभी जाति वर्ग के लोगो की संख्या व अनुपात में काफी तेजी से परिवर्तन हुआ है।उन्होंने कहा कि जातीय आधरित जनगणना कराने से दलित,पीड़ित,शोषित,वंचित,व पिछड़े वर्ग के लोगो का गरीब सवर्णों को भी समुचित लाभ मिलेगा।
रिपोर्ट के आधार पर जातिय जनगणना कराई जाए जिससे पिछड़ी,अत्यंत पिछड़ी जातिया कितनी है ये सामने आए।सरकार जातीय आधरित जनगणना नही करा कर उनका हक मारी कर रही है।अगर ये आकडा सार्वजनिक हो जाए तो आरक्षण देना पड़ेगा।साथ ही मंहगाई और बेरोजगारी चरम सीमा पर है।इस पर नियंत्रण करने की मांग की गई।अगर राजद की मांगें नही मानी गई तो बाध्य होकर आंदोलन ही एक मात्र सहारा रह जायेगा।
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