अगस्त क्रांति दिवस पर कॉरपोरेट भारत छोड़ो, संगठनों का संयुक्त विरोध मार्च

अंग्रेजों भारत छोडो़ आंदोलन दिवस के मौके पर इंकलाबी नौजवान सभा और आल इंडिया स्टूडेंट ऐसोसिएशन  ने संयुक्त रूप से सम्मानजनक रोजगार का प्रबंध करने, बेरोजगार नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता देने, शिक्षा का बाजारीकरण व गरीब व कमजोर लोगों से शिक्षा छिनने पर रोक लगाने, तीन कृषि काला कानून को रद्द करने के मांग पर बेतिया में शहीद पार्क से जिला समाहर्ता कार्यालय तक मार्च किया।

सभा को संबोधित करते हुए इनौस जिला अध्यक्ष फरहान राजा ने कहा कि किसान विरोधी तीनों कृषि कानून वापस लेने। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद करने को कानूनी दर्जा देने, घरेलू उत्पाद व किसानों को हतोत्साहित करने वाला तीनों कानून, दाल अरहर मूंग उड़द पर से आयात प्रतिबंध हटाने की घोषणा वापस लेने की मांग पर दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन जो 8 माह से चल रहा है,तथा फासीवादी मोदी सरकार की हठधर्मिता सबके सामने है।

अखिल भारतीय किसान महासभा जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार किसान-मजदूर व लोकतंत्र विरोधी कॉरपोरेट सरकार बन गई है। महीनों से काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का ऐतिहासिक आंदोलन जारी है। आंदोलन के दौरान 600 से अधिक किसानों की जान चली गई है। लेकिन मोदी सरकार बेपरवा देश पर कॉरपोरेट राज थोपने में जुटी है। 

लोकतांत्रिक व संवैधानिक अधिकारों पर हमला करने में लगी है। इसलिए समय आ गया है कि अंग्रेजी राज के खिलाफ 9अगस्त 1942 को 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' आंदोलन की तरह आज 9 अगस्त 2021 को 'कॉरपोरेट भारत छोड़ो', मोदी सरकार गद्दी छोडो़ आंदोलन तेज किया जाए, आज के इस विशाल कार्यक्रम में बिहार राज्य किसान सभा के चांद सी प्रसाद यादव, लोक संघर्ष समिति के अमर राम, अखिल भारतीय किसान सभा के राधा मोहन यादव, राष्ट्रीय किसान मोर्चा के विजय कश्यप,एटक के ओम प्रकाश, सीटू के विनोद कुमार नरूला, मजदूर यूनियन के प्रभुनाथ गुप्ता, खेत मजदूर यूनियन के प्रभुनाथ गुप्ता, मजदूर यूनियन के सुबोध मुखिया, भारतीय किसान संघ के नंदकिशोर आदि ने अग्रणी भूमिका निभाया।

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