महंगाई, गन्ना किसानों को मुआवजा, बाढ़ पीड़ितों को राहत देने में आनाकानी, यूरिया की किल्लत, शिक्षा, रोजगार, कोविड महामारी, अस्पताल सुधार, गरीबों के लिए राशन व वास–आवास, बाढ़, लोकतंत्र की रक्षा आदि जैसे ज्वलंत मुद्दों पर आंदोलन करने पर विस्तार से चर्चा

भाकपा माले जिला कमिटी की बैठक विगत 23–24 अगस्त 2021 को सिकटा अंचल के मैनपुर में संपन्न हुई। बैठक में पार्टी केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक का. वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता सहित का. सुनील राव, इन्द्र देव कुशवाहा, संजय राम,अच्छे लाल राम, मुखतार मियां, राज्य कमिटी सदस्य सुनील कुमार यादव भी उपस्थित थे। इस बीच गुजर चुके तमाम साथियों को श्रद्धांजलि के साथ बैठक शुरू हुई।

बैठक को संबंधित करते हुए कहा कि महंगाई, गन्ना किसानों को मुआवजा, बाढ़ पीड़ितों को राहत देने में आनाकानी, यूरिया की किल्लत, शिक्षा, रोजगार, कोविड महामारी, अस्पताल सुधार, गरीबों के लिए राशन व वास–आवास, बाढ़, लोकतंत्र की रक्षा आदि जैसे ज्वलंत मुद्दों पर आंदोलन करने पर बल दिया, वही पार्टी संगठन विस्तार की बड़ी संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई, विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि स्वस्थ बिहार – हमारा अधिकार आंदोलन के तहत कोविड महामारी से हुई मौत और अस्पतालों की जांच के आधार पर मुआवजा के लिए प्रखंड मुख्यालयों पर धरना–प्रदर्शन के जरिए सरकार के पास आवेदन दिया गया हैं। मगर नितीश सरकार कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट व अन्य दस्तावेजों की मांग कर रहीं है। उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों ने तो अस्पतालों तक नहीं पहुंच सकें वही, जो पहुंचे उनका कोविड जाचं ही नहीं हुआ है, पार्टी द्वारा किये गए जांच के अनुसार पता चला है कि अधिकतर लोगों की ईलाज देहाती डाक्टरों के द्वारा ही हुआ है, ऐसे में पिडित परिवार कहा से कोविड पोजिटिव रिपोर्ट लायेंगे, वीरेन्द्र गुप्ता ने कहा कि सरकार पिडित परिवार को मुआवजा देने से भाग रहीं हैं, जिसके खिलाफ आंदोलन को तेज़ किया जायेगा।

 सुनील कुमार यादव ने कहा कि मुआवजा और अस्पताल सुधार – दोनों मुद्दों को जोड़कर आगामी मध्य सितम्बर तक हरेक प्रखंड में स्वस्थ बिहार – हमारा अधिकार जन कन्वेंशन आयोजित कर पार्टी आंदोलन करेगी।

किसान नेता सुनील कुमार राव ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार पश्चिम चंपारण में जुलाई माह में यूरिया की आवश्यकता 9,581.00 मि. टन की थी, मगर मात्र 5,789.630 मि. टन ही उपलब्ध कराया गया हैं, वही अगस्त महिने में 13,008.000 मि. टन की आवस्यकता थीं मगर अभी तक मात्र 1,047.150 मि. टन केंद्र की मोदी सरकार उपलब्ध करा सकीं जिसके खिलाफ एक तरफ पार्टी ने आंदोलन चला रहीं वही माले विधायक के द्वारा जिला से लेकर पटना तक लिखने के बाद यूरिया तो आया है, मगर नितीश सरकार के कुव्यवस्था के कारण हजारों हजार किसानों को दो - तीन दिनों तक लम्बी लम्बी कतारों में लगने को मजबूर है, वही आगे कहा कि गन्ना में सुखा पिला रोग पकड़ लिया है, सरकार उन किसानों को सर्वे कर मुआवजा दे, नहीं तो किसान महासभा के बैनर तले आंदोलन तेज किया जायेगा।

जिला नेता सीताराम राम ने कहा कि मध्याह्न भोजन योजना को सरकार एनजीओ को सौंपना चाह रही है। कोविड महामारी के इस दौर में सरकार के इस फैसले से करीब 2 लाख से ज्यादा रसोइया बहनों का रोजगार खत्म हो जाएगा। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी जीविका कर्मियों, आंगनबाड़ी सेविका–सहायिका, आशा कर्मियों आदि के प्रति सरकार के रुख पूर्ववत संवेदनहीन बना हुआ है। इसके खिलाफ ऐक्टू आंदोलन करेंगा।

भाकपा माले जिला नेता संजय राम ने कहा कि पंचायत चुनाव में इस बार पार्टी भाजपा, जदयू के उम्मीदवारो के खिलाफ जनता का व्यापक मोर्चा बनाकर गरीबों, नौजवानों कि दावेदारी पेश करेगी।

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