बिहार सरकार ने बना दिया है पुलिस विभाग को शराब माफिया, भू - माफिया, बालू माफिया संरक्षण विभाग-माले

बेतिया | जहरीली शराब मौत कांड में थाना और चौकीदारों पर कार्रवाई महज दिखावा है, बिहार के मुख्यमंत्री यदि शराब रोकने के मामले में गंभीर होते तो अब तक लौरिया एवं रामनगर थाना क्षेत्र में हुई जहरीली शराब से मौत कांड में नरकटियागंज और रामनगर डीएसपी को बर्खास्त कर चुके होते, यह सर्वविदित है कि थाने और चौकिदार तो महज हुक्म के गुलाम है, उक्त बातें जहरीली शराब मौत कांड में हुई कार्वाही पर भाकपा-माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता बोल रहे थेे।

उन्होंने आगे कहा कि केवल गरीब शराब विक्रेताओं की गिरफ्तारी से शराब का अवैध धंधा नहीं ररुकेगा, बल्कि स्प्रीट माफियाओं और बड़े शराब कारोबारियों की गिरफ्तारी जरूरी है, उन लोगों पर शराब से हुई इस जनसंहार का मुकदमा होना चाहिए, सभी जानते हैं की स्प्रीट खुले बाजार में नहीं बिकता है, डिस्ट्रलरी मिल से खरीदने वाले बड़े लोग हैं, उनका राजसत्ता में सीधे पकड़ है, और जहरीले शराब स्प्रीट से बन रही है।

माले नेता ने 19 जुलाई को जहरीली शराब से हुई मौतों के विरोध में बेतिया नरकटियागंज और बगहा में होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेने की अपील की और समाज में व्याप्त शराब पीने की बुराई के खिलाफ संघर्ष का आह्वान किया, माले नेता ने आगे कहा कि अगर असली दोषियों पर करवाई नहीं होती है तो हजारों लोगों के साथ आंदोलन के अन्य रास्ते से बढ़ेंगे।

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