मुख्यमंत्री, बिहार के निदेश के आलोक में सचिव, परिवहन विभाग-सह-ओएसडी, आपदा प्रबंधन विभाग, निदेशक, कृषि विभाग, बिहार एवं जिलाधिकारी, पश्चिम चम्पारण द्वारा संयुक्त रूप से किया गया सर्वेक्षण
बाढ़ आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन को पूरी तरह से अलर्ट रहने का निदेश
बेतिया। जुलाई माह में जिले एवं नेपाल में हो रही लगातार भारी बारिश से जिले में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। इसको ध्यान में रखते हुए माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के द्वारा विगत दिनों जलजमाव वाले इलाकों का स्वयं हवाई सर्वेक्षण किया गया तथा जिलाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए आवश्यक निर्देश दिया गया था.
इसी परिप्रेक्ष्य में आज सचिव, परिवहन विभाग-सह- विशेष कार्य पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन विभाग, संजय कुमार अग्रवाल, निदेशक, कृषि विभाग, आदेश तितरमारे एवं जिलाधिकारी, पश्चिम चम्पारण, कुंदन कुमार द्वारा संयुक्त रूप से पश्चिम चम्पारण जिले के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया गया, जिलाधिकारी ने कहा कि अभी कोरोना का भी दौर है और बाढ़ की भी स्थिति बनी हुई है.
प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्य योजनाबद्ध तरीके से कराया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि इस वर्ष अन्य वर्षों की अपेक्षाकृत काफी अधिक वर्षा हुई है.
जुलाई माह में अब तक औसत 460.20 एमएम बारीश हुई है। जुलाई माह में वर्षापात का समान्य वर्षापात से विचलन (डेविएशन) पर गौर किया जाए तो वर्ष 2018 में 1.97 था, 2019 में यह 37.51 था तो वर्ष 2020 में 60.75 था वहीं अभी मात्र आठ दिनों में ही यह 194.27 पर पहुंच गया है। इस प्रकार के अप्रत्याशित बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा बाढ पूर्व तैयारियां की गई हैं.
किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से बचाव हेतु जिला प्रशासन एवं अभियंत्रण विभाग हाई अलर्ट पर हैं, एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम लगातार जलजमाव वाले क्षेत्रों से पीड़ितों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचा रही है। आवश्यकतानुसार तुरंत बचाव कार्य प्रारंभ किया जाएगा.
कटावरोधी कार्य कराए जा रहे हैं। जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी, अनिल राय द्वारा बताया गया कि रामनगर, गौनाहा, चनपटिया, सिकटा, मझौलिया आदि प्रखंडों में अत्यधिक वर्षापात तथा नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण नदियों में आ रहे पानी के कारण जलजमाव की स्थिति, क्षतिग्रस्त सड़क पुल, पुलिया का हवाई सर्वेक्षण कर आकलन किया गया है.
उन्होंने बताया कि जिले में अबतक 09 स्थलों पर निःशुल्क नाव का परिचालन जिला प्रशासन द्वारा कराया जा रहा है. 03 जगहों पर सामुदायिक किचेन कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुरूप संचालित किया जा रहा है। आवश्यकता पड़ने पर सामुदायिक किचेन की संख्या बढ़ायी जायेगी। साथ ही प्रभावितों के बीच राहत सामग्री, सूखा राशन का वितरण लगातार कराया जा रहा है। 1300 पॉलिथिन शीट्स का वितरण भी कराया गया है ताकि आमजन को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। साथ ही अबतक 185 से ज्यादा क्षतिग्रस्त सड़क, पुल, पुलिया, तटबंध आदि की मरम्मति करा ली गयी है तथा शेष स्थलों पर मरम्मति कार्य युद्धस्तर पर संचालित किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के निदेश के आलोक में आपदा प्रबंधन विभाग, बाढ़/जल/सड़क से जुड़े सभी कार्यपालक अभियंता पूरी तरह अलर्ट रहकर स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं.
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