बेतिया : नगर निगम बेतिया के एनजीओ और सीबीएस फैसलिटी द्वारा सफाई कर्मियों के बकाया 5 से 7 माह का वेतन को अविलम्ब भुगतान की कि माग

बेतिया | बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ, नगर निगम बेतिया की ओर से कोरोना फ्रंट कर्मचारियों का, अखिल भारतीय मांग दिवस आन्दोलन के तहत कोरोना भत्ता, जीवन बीमा, सुरक्षात्मक उपकरण आदि की सुविधा प्राप्त नहीं है को लेकर,माननीय मुख्यमंत्री,बिहार सरकार,पटना को,नगर आयुक्त नगर निगम बेतिया के हाथों में सात सूत्रि माँगों का एक ज्ञापन बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ सह ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन के जिला मंत्री रवींद्र कुमार  'रवि' के नेतृत्व में  नगर पार्षद सह भाकपा-माले नेत्री रीता रवि, प्रमिला देवी, अजय तिवारी, आयशा खातुन, जयनारायण राउत द्वारा सौपा गया.

मांग दिवस के उपलक्ष में उपस्थित नगर निगम के कर्मियों को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन सह बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के जिला मंत्री कॉ० रवीन्द्र कुमार 'रवि' ने कहा कि पहला एवं दूसरा कोरोना महामारी, कर्फ्यू, लॉक डाउन में भी शहरी निकायों के सफाई कर्मी एवं अन्य कर्मी भी जान जोखिम में डालकर कार्यरत हैं, किंतु इन फ्रंट लाइन कर्मियों को जोखिम भत्ता एवं अन्य सुविधाएं नहीं मिल रही है। यही स्थिति अन्य संस्थानों में कार्यरत अन्य सफाई कर्मियों की भी है.


आगे उन्होंने कहा कि बेतिया नगर निगम में एकमे और सीबीएस फैसिलिटी नामक दो एनजीओ संस्थाएँ टेंडर पर फ्रंट लाइन सफाई कर्मियों से काम ले रही हैं. दोनों एनजीओ द्वारा विगत पाँच से सात महीनों तक का सफाई कर्मचारियों का वेतन नहीं दिया गया है, दोनों एनजीओ का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और नगर निगम प्रशासन अपने कान में तेल डालकर चुपकी साधी हुई है। 


बेतिया : नगर निगम बेतिया के एनजीओ और सीबीएस फैसलिटी द्वारा सफाई कर्मियों के बकाया 5 से 7 माह का वेतन को अविलम्ब भुगतान की कि माग

यूनियन नेता रवींद्र रवि वतौर वर्ष 2018 के मई और जून माह मास्टर रोल का पैसा बेतिया नगर निकाय के सैकड़ों कर्मियों का नगर निगम प्रशासन बेतिया के घोर लापरवाही के कारण अभी तक नहीं मिल सका है, नगर निगम बेतिया के दोनों एनजीओ एकमे और सीबीएस फैसिलिटी को चेतावनी देते हुये मजदूर नेता ने एनजीओ संस्थानो से जल्द से जल्द सफाई कर्मियों का सभी पाँच से सात माह का बकाया वेतन भुगतान करेने की अपील की.

ऐक्टू नेता रवींद्र रवि ने पंचायतों को भंग किए जाने के बिहार सरकार  के निर्णय की कड़ी आलोचना करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केन्द्र सरकार की तरह बिहार में तानाशाही चला रहे हैं, उन्होंने कहा की कोरोना का प्रभाव गाँवों में भयावह रुप लेता जा रहा है और कोविड के प्रति जागरुकता अभियान में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका को कम करना इस भयावह दौर में आत्मघाती साबित होगा.

कोविड के प्रति जागरूकता अभियान में पंचायत प्रतिनिधियों के अनुभव का बेहतर इस्तेमाल हो सकता था। आगे उन्होंने कहा कि यदि पंचायतों के कार्यकाल बढ़ाने का कोई नियम नहीं था तो क्या सरकार अध्यादेश नहीं ला सकती थी ? मुख्यमंत्री के इस तानाशाही को मजदूर नेता रवींद्र रवि ने इसे अलोकतांत्रिक निर्णय करार दिया है.

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सभा को संबोधित करते हुये संघ के अध्यक्ष प्रमिला देवी ने कहा की यदि नगर निगम प्रशासन और दोनों एनजीओ के संचालकों द्वारा एक माह के अन्दर कर्मियों का सभी बकाया वेतन का भुगतान नही किया गया तो आगामी 1 जुलाई 2021 से नगर निगम प्रशासन और दोनों एनजीओ के विरुद्ध उग्र आन्दोलन चलाया जाएगा, आगे उन्होने कहा कि डोर टू डोर कचरा संग्रह कार्य में नियुक्त लगभग 156 महिला श्रमिकों का वेतन विगत सात महीनों से सीबीएस फैसिलिटी एनजीओ की ओर से नहीं दिया गया है और एकमे संस्थान द्वारा विगत 5 महीना से कर्मियों का वेतन बकाया है। कैलाश राउत ने कहा कि सरकार की ओर से प्रतिवर्ष अनुबंध कर्मियों सहित सभी फ्रंट लाइन वर्करों का वेतन 22.5% प्रतिशत का वृद्धि होना है। जो वर्ष 2019 से अभी तक नहीं मिल  सका है। मौके पर नागेंद्र साह, अजय तिवारी, रंजीता कुमारी, जयनारायण राउत, सुनीता देवी, प्रभावती देवी, निक्की देवी आदि कर्मी उपस्थित थें।

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