बेतिया जीएमसीएच:
ANCHOR-आगे आगे भागते लोग और पिछे से चोर चोर चिल्लाते हुए दौड़ती भीड़, यह तस्वीर किसी चोर को पकड़ने की नहीं बल्कि जिले के सबसे बड़े अस्पताल जीएमसीएच की हैं, आगे आगे भागने वाला कोई चोर नहीं बल्कि यहां तैनात चिकीत्सक हैं और पिछे दौड़ते लोग मरीज के परिजनो के साथ सादे लिबास में पुलिस के जवान हैं.
दरअसल करोड़ो की लागत से गर्वनमेंट मेडिकल कालेज का निर्माण तो कराया जा रहा हैं लेकिन यहां की व्यवस्था दो कौड़ी के बराबर की भी नहीं हैं, आलम यह है कि कल देर रात फिर से ईलाज नहीं होने, चिकीत्सक के नहीं रहने के कारण लोगो ने हंगामा किया जिसके बाद डाक्टर फरार हो गए और पुरा अस्पताल लगभग चार से पांच घंटे तक डाक्टर, स्टाफ विहीन रहा.
महिला पुलिस कर्मी का नही हुआ इलाज!
मामला यह है कि बेतिया पुलिस लाईन में तैनात एक महिला सिपाही रंजु की तबियत अचानक बिगड़ गई जिसके बाद उसके सहयोगी जीएमसीएच लेकर आए लेकिन यहां पहुंचते हीं मौके पर मौजुद डाक्टरो ने बगैर कुछ देखे हीं रंजु को पटना रेफर कर दिया, जिसके बाद रंजु के साथ आए पुलिस के जवान अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठाने लगे.
बेतिया: जीएमसीएच में डॉक्टरों ने महिला पुलिस कर्मी को बिना इलाज के लौटाया!
— Bettiah Times (@bettiahtimes) June 8, 2021
बेतिया: #gmchbettiah में डॉक्टरों ने अचेता अवस्था में आई महिला पुलिस कर्मी को भी बिना इलाज किए यह कर के वापस कर दीया के यहां सिर्फ #COVID19 के मरीजों का इलाज किया जाएगा.#bettiahtimes #bettiah pic.twitter.com/CnqMxMiCKO
इसी बीच नौतन के बैकुंठपुर से एक मरीज को लेकर उसके परिजन अस्पताल पहुंचे लेकिन अस्पताल में कोई देखने वाला नहीं था लिहाजा परिजन अपने मरीज को लेकर अस्पताल से चले गए.
ऐसा हीं कुछ हाल एक बच्चे आदित्य को लेकर इलाज कराने पहुंचे परिजनो का भी हुआ जब अस्पताल में तैनात कर्मचारीयो ने यह कहकर बाहर जाने की सलाह दे दी कि "यहां ना तो चिकीत्सक हैं और ना हीं ईलाज करने की कोई व्यवस्था".
दरअसल बच्चे ने एक सिक्का निगल लिया था जिसे निकालने की कोई व्यवस्था इस अस्पताल में नहीं हैं, इसके बाद जब पुलिस के जवान सादे लिबास में पहुंचे और डाक्टरो की खोजबीन करनी चाही तो सभी चिकीत्सक व कर्मी भागने लगे और उन्हे दौड़ाने लगे,
लिहाजा समझा जा सकता हैं कि इतने बड़े अस्पताल की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का खामियाजा लोग कैसे भुगत रहें हैं और जिला प्रशासन से लेकर अस्पताल तक मूकदर्शक बना हुआ हैं.
बच्चे के परिजन |
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