निम्न मध्यमवर्गीय परिवार बर्बादी के कगार पर-भाकपा || Lower middle class family on the verge of ruin-Bhakpa
निम्न मध्यमवर्गीय परिवार बर्बादी के कगार पर,
भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी पं चम्पारण जिला के सचिव ओमप्रकाश क्रान्ति ने कहा कि लांक डाउन , बेतहाशा महंगाई, खोते रोजगार, मौसम में अचानक परिवर्तन एवं सरकार के कारपोरेट परस्त नीति के कारण मध्यम वर्ग और खास कर निम्न मध्यमवर्गीय परिवार अपना अस्तित्व खोने के कगार पर आ चुका है यदि इस वर्ग के लिए सरकार किसी बिशेष नीति अथवा पैकेज को लागू नहीं करती तो यह वर्ग मजदूर वर्ग में विलीन हो जायेगा तथा इसी वर्ग के लोगों में सबसे ज्यादा आत्महत्या की प्रवृत्ति का विकास होगा.
इस वर्ग में खास कर निजि विद्यालयों के शिक्षक, प्राईवेट छोटी-छोटी कंम्पनियो में कार्य करने वाले लोग, कृषि कार्य में लगे लोग एवं अपना छोटा मोटा निजी व्यवसाय करके जीने वाले लोग आते हैं.
तेजी से बढ़ती महंगाई ने जहां इनके पारिवारिक खर्च के बजट को बिगाड़ा है वहीं लांक डाउन के कारण इनकी आय माइनस में चली गई है जिससे इस परिवार के समक्ष भयंकर संकट खड़ा हो गया है.
भाकपा जिला मंत्री ने सरकार से इस वर्ग के लोगों की रक्षा के लिए विशेष पैकेज देने की मांग करते हुए इन्हें भारी आर्थिक संकट से बचाने की मांग की है, अन्यथा कोरोनावायरस से जितना लोग नहीं मरे उससे ज्यादा निम्न मध्यमवर्गीय परिवार के लोग अपने आर्थिक संकट से जुझते हुए आत्महत्या करके मरने के लिए मजबूर होंगे.
भाकपा जिला मंत्री ने ऐसे परिवारों को खाद्ध सुरक्षा कानून के तहत सम्मिलित करने, सस्ता एवं सुलभ ऋण की ब्यवस्था करने, आवास योजना का लाभ देने, इनके रोजी रोजगार की गारंटी करने, निजी विद्यालयों में पठन पाठन की अनुमति देने, इनके द्वारा उपयोग की जाने वाले साधनों पर अनुदान देने की मांग की है.
इस वर्ग में सभी जाति और धर्म के लोग हैं,खास कर सरकार जिन्हें पीछडा और अति पीछडा मानती उस समुदाय का बड़ा हिस्सा और जिन्हें फारवार्ड कहा जाता उस समुदाय का भी बड़ा हिस्सा इसी निम्नमध्यवर्गीय परिवार में ही आता.
भाकपा निम्न मध्यमवर्गीय परिवार के समस्याओं को लेकर संघर्ष की जमीनी योजना तैयार कर रही है,और लांक डाउन पूर्णतः समाप्त होते ही निम्न मध्यमवर्गीय परिवार के समस्याओं को लेकर न चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा.
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