महामारी के दौर के तमाम मृतकों के आश्रितों को 10 लाख की अनुग्रह राशि दो---माले नेता || Give an ex-gratia of 10 lakhs to the dependents of all the dead during the pandemic
कोरोना महामारी के दौर के तमाम मृतकों की सूची भाकपा माले बनाएगी
उपस्वास्थ्य केन्द्र, अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र को बचाने और सुचारू रूप से चलाने को लेकर भाकपा माले आंदोलन चलाएगी.
भाकपा माले सिकटा अंचल कमिटी की बैठक बेहरा पार्टी कार्यालय में मुख्य अतिथि सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता के उपस्थित में संपन्न हुई, बैठक में कोरोना महामारी पर रिपोर्ट के दौरान सच्चाई सामने आई की कोरोना महामारी के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई मौतों की वास्तविक संख्या सरकारी संख्या से चार गुना अधिक है.
भाकपा माले विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि "तमाम घपला - घोटाला करने वाली नीतीश और मोदी की सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान गरीबों के मौतों के आकड़ों का भी घोटाला करने में लगी है".
माले विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि "कोरोना महामारी के बीच अनेक मौतें ऐसी हैं जिनमें कोविड के तमाम लक्षण पाए गए, लेकिन न तो एंटीजन टेस्ट और न ही आरटीपीसीआर जांच पॉजिटिव आया, सर्दी–खांसी की शिकायत वाले बड़ी संख्या में ऐसे मृतक भी हैं जो अस्पताल गए ही नहीं, गांव के ही डाक्टर से इलाज कराते रहे और काल कवलित हो गए, अस्पतालों में आम बीमारियों का इलाज बंद होने और आवागमन की कठिनाइयों के कारण भी अनेक लोग समुचित इलाज के अभाव में मारे गए हैं.
श्री विधायक ने कहा कि "हमारीे पार्टी के तमाम नेता व कार्यकर्ता ऐसे तमाम लोगों की सूची बनाने का अभियान चला रहीं हैं, जिनकी मृत्यु कोरोना काल में हुई है, वही सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार ऐसे तमाम लोगों को कोविड़ से मृत्यु मान कर सभी मृतकों के आश्रितों को 10 लाख की अनुग्रह राशि प्रदान करे और साथ ही अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण की जिम्मेवारी ले, आपराधिक लापरवाही के कारण ही इतने सारे लोग मारे गए हैं। लेकिन मौत के बाद भी पीड़ित परिवार की सहायता नहीं करना एक अक्षम्य अपराध होगा".
माले विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने आगे कहा कि "कोरोना काल में स्वास्व्थ्य विभाग ही सबसे संगीन मुद्दा बना हुआ है, सिकटा में कुल स्वास्थ्य केन्द्र है मगर किसी में भी इलाज नहीं होता है, बिहार में भाजपा के हाथ में लम्बे समय से स्वास्थ्य विभाग है, उपस्वास्थ्य केन्द्र, अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र, अनुमंडलीय व सदर अस्पतालों की हालत काफी खस्ता है, बंद पडे़ हुए हैं".
डाक्टर-नर्स-दवा सबकुछ की भारी कमी है। सैकड़ो पद रिक्त हैं। महामारी में सरकार की स्वास्थ्य सेवा की असलियत खुलकर सामने आ गई है। इसको लेकर भाकपा माले सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र को बचाने और सुचारू रूप से चलाने को लेकर धारावाहिक संघर्ष चलाने की घोषणा किया जिसकी सुरूआत जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर 10 जून को धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
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