भाकपा ने बेतिया में सोवा बाबू चौक पर फूंका नीतीश कुमार का पुतला

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कोरोना संक्रमण से हो रहे तबाही के इस दौर में पेट्रोल , डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि को रोक पाने में केंद्र तथा राज्य सरकार विफल रही है.

आज देश में 97% परिवारों की आय घटी है । एक करोड़ से ज्यादा लोगों की नौकरियां छीनी गई हैं, बेरोजगारी में 35 % की वृद्धि हुई. है, गांव में रहने वाले खेत मजदूरों के सामने भूख का संकट खड़ा है । ऐसी स्थिति में जहां सरकार का प्रथम कर्तव्य लोगों को कोरोना से बचाने के लिए जीवन रक्षक दवाओं को प्रत्येक व्यक्ति तक निशुल्क आपूर्ति की जिम्मेदारी है. वहीं भूख से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर लोगों को खाने की व्यवस्था सरकार का प्रथम कर्तव्य है.

पश्चिम चंपारण जिले में बाढ़ की विनाश लीला ने भारी तबाही पैदा किया है. बाढ़ से घीरे हुए लोगों को आपदा प्रबंधन द्वारा दिया जा रहा सहायता अपर्याप्त है. जलजमाव के चलते खेतों में धान की रोपनी संभव नहीं दिख रही है. किसानों द्वारा लगाए गए बिचड़े जल जमाव के चलते बर्बाद हो चुके हैं, खेत मजदूरों के सामने कोई काम नहीं है.

ऐसी स्थिति में सभी गरीबों को 10 किलो प्रति व्यक्ति प्रति माह मुफ्त अनाज, प्रत्येक परिवार को दवा, तेल , साग सब्जी के लिए साढ़े सात हजार रुपए की विशेष सहायता. फसलनुकसान के लिए 15 हजार रुपए प्रति एकड़ हर्जाना, बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच राहत तथा उनके रखरखाव की व्यवस्था के लिए 50 हजार रुपए प्रति परिवार मुआवजा. सभी को कोरोना वेक्सिन की गारंटी, जिले में आवागमन को सुचारु बनाने के लिए टूटे सड़कों की मरम्मती, सभी गांवों में सामुदायिक किचेन सेंटर के माध्यम से तीन महीने तक भोजन , खाने की सामग्री, संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक दवाइयां, प्लास्टिक , तिरपाल आदि की व्यवस्था करने की मांग की गई.

प्रदर्शन को माकपा राज्य सचिवमंडल सदस्य प्रभुराज नारायण राव , भाकपा जिला मंत्री ओमप्रकाश क्रान्ति ने संबोधित किया, प्रदर्शन में भाकपा राज्य परिषद सदस्य जवाहर प्रसाद, तारीक अनवर, सफेसर अली आदि ने नेतृत्व किया.

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