हर मौत को गिनें - हर ग़म को बाँटें-भाकपा माले
अपने - अपने गाँवों में हर कोविड मौत को याद करें, हर रविवार को रात 7 बजे मोमबत्ती जलाएँ!
कोरोना काल में मृतको की संख्या छिपा रही है भाजपा-जदयू सरकार- माले
हर मौत को गिनें - हर ग़म को बाँटें, अभियान के तहत भाकपा माले सिकटा अंचल कमिटी 13 जून रविवार को शाम 7 बजे बलथर चौक पर कोविड में खोए गए अपनों की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करेगी.
उक्त बात कि जानकारी भाकपा माले केन्दीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने बेहरा पार्टी कार्यालय में आयोजित कार्यकर्ता मिटिंग के बाद प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा, आगे कहा कि भाजपा-जदयू की सरकार कोरोना की दूसरी लहर में कोविड से हुई मौत की संख्या को छिपा रही है.
सिकटा प्रखण्ड स्वास्थ्य केन्द्र की रिपोर्ट के अनुसार सिकटा प्रखण्ड में एक भी मौत नहीं हुआ है, जबकि भाकपा माले कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया सर्वे के अनुसार बलथर पंचायत में 48, सरगटिया पंचायत में 41, कठिया मठिया पंचायत में 29, जग्रनाथपुर पंचायत में 24, पुरैना पंचायत में 16, बेहरा पंचायत में 13 लोगों की मौत हुई है, यानी छ: पंचायतों में कुल 171 लोगों की मौत हुई है, जिनमें कोरोना की तमाम लक्षण पाये गये थे, इस प्रकार सिकटा प्रखण्ड के 16 पंचायतों में 500 से अधिक लोगों की मौत हुई है.
इस सर्वे से पुरे जिला को समझने की कोशिश करें तो पश्चिम चंपारण में कोरोना की दूसरी लहर में आठ से दस हजार लोगों की मौत हुई है जबकि पश्चिम चंपारण जिले में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और जिला प्रशासन के रिपोर्ट के अनुसार मात्र 328 लोगों की मौत की रिपोर्ट है.
भाकपा माले विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना से कम सरकारी लापरवाही और अस्पताल की कुव्यवस्था के कारण लोगों को अपनी जान गवानी पडीं है, यह मोदी सरकार द्वारा किया गया जनसंहार है, आगे कहा कि सरकार इन मौतों को छिपाने का खेल खेल रहीं हैं, और हम इन मौतों को याद करेगें, कोविड की दूसरी लहर में जो हमारे अपने बिछड़ गए हैं, उनकी याद में एक मुहिम चलाते हुए, हम एक-एक मौत को याद करेंगे और इन मौतों से उपजे सवालों को सरकार से लगातार पूछेंगे.
यदि देश में थोड़ी सी संवदेनशील सरकार और राजनीति होती तो हम लोगों को मरने से बचा सकते थे. उन साथियों को श्रद्धांजलि देने का मतलब है, देश मे चल रही आज की राजनीति को बदल देना. इस राजनीति को बदलने की बैचैनी होनी चाहिए.
13 जून से दीया व कैंडल जलाकर अपने मारे गए साथियों को याद करें. मोदी जी हर चौथे संडे को सत्ता व आरएसएस की बात करने के लिए मन की बात करते हैं. अब जनता को अपनी बात सुनानी है. इसे एक बड़ी मुहिम व बड़े आंदोलन में तब्दील कर देने का आह्वान किया.
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