प्रभारी मंत्री द्वारा बुलाई गई मीटिंग में सिकटा विधायक को नहीं बुलाना संसदीय मर्यादा का उल्लंघन

भाकपा-माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि प्रभारी मंत्री द्वारा बुलायी गयी मिटिंग में मुझे सुचना नहीं देना संसदीय विशेषाधिकार का हनन है.

संसदीय लोकतंत्र तानाशाही से नहीं चलता है और भाजपा-जदयू की नितीश सरकार बार बार संसदीय मर्यादा का उलंघन कर रहीं है, संसदीय लोकतंत्र विपक्ष के बिना नहीं चल सकता, यह सरकार ऊपर से लेकर नीचे तक विपक्ष को खारिज कर देश और राज्य को चलाने की कोशिश कर रहीं हैं.

भाकपा माले  विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता विधानसभा अध्यक्ष को लिखेंगे चिट्ठी...

नितीश और मोदी सरकार यह भूल गई है कि बिहार लोकतंत्र की जननी रहीं हैं, चंपारण आंदोलन की धरती है, जहां से अंग्रेजी शासन को उखाड़ फेंकने का शंखनाद हुआ था, और आंदोलन सफल भी हुआ था, यह लोकतंत्र का आपमान है, जिसके खिलाफ बिहार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर आपत्ति दर्ज करेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि  प्रभारी मंत्री द्वारा ऐसे समय में मिटींग बुलायी गयी, जब सिकटा विधानसभा क्षेत्र सहित पुरा पश्चिम चंपारण गंभीर रूप से बाढ़ से प्रभावित हैं, जनता बाढ़ में जगह जगह फंसी हुईं हैं अभी तक कहीं शासन प्रशासन नाम की चीज नही दिखाई दे रही है.

आपदा प्रबंधन विभाग सालों भर सोए रहता है, कहीं कुछ काम नहीं हुआ है, नतीजा दो तीन दिन की बारिश में जगह-जगह सड़के टूट गयी है, पानी का कही निकास नहीं है, जो भी पानी के निकास के रास्ते हैं, दबंगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है, नाले और पईन का सफाई नही होता है, जहां जहां पुल कि जरूरत है वहा पुल नहीं है, रिंग बांध का निर्माण नहीं हो रहा है, जगह जगह कटाव रोधी कार्य नहीं हुआ है.

सरकारी लापरवाही का नतीजा है बाढ़ से तबाही जिसके खिलाफ हर जगह आवाज उठाने के कारण प्रभारी मंत्री और प्रशासन द्वारा मिटिंग में नहीं बुलाया गया है.



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