BETTIAH TIMES
बेतिया : आमतौर पर एक नंबर पर दो बसों या ट्रकों का परिचालन होते हुए पकड़ा गया हैं, लेकिन एक नंबर पर दो सरकारी एंबुलेंस का परिचालन होना अपने आप में चौंकाने वाली बात है. लेकिन ऐसा पश्चिम चंपारण जिले में संभव हुआ है. यहां एक रजिस्ट्रेशन नंबर पर दो सरकारी एंबुलेंस का परिचालन किया जा रहा है.
जिसमें BR01PF0915 नंबर की गाड़ी बरवत स्थित एक गैरेज में खड़ी है. जहां उसके इंजन पंप का कार्य किया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ BR01PF0945 नंबर की एंबुलेंस के नंबर से छेड़छाड़ कर BR01PF0915 बनाकर चलाया जा रहा है, जो जीएमसीएच परिसर में खड़ी है.
पहला एम्बुलेंस |
दूसरा एम्बुलेंस |
प्रभात खबर द्वारा पूर्व में भी बिना नंबर के एंबुलेंस परिचालन होने की बात पर खबर प्रकाशित किया गया है. लेकिन इस तरह का कार्य कर कहीं ना कहीं एंबुलेंस परिचालन से जुड़े पदाधिकारी सरकारी राजस्व का बंदरबांट कर रहे हैं.
ठप पड़े एंबुलेंस को भी कागजों में चलता हुआ दिखाया जा रहा है. बिना नंबर की गाड़ियों की किस आधार पर गैरेज से बिल बनवा ली जा रही है. यह जांच का विषय है. पदाधिकारियों से एंबुलेंस के आंकड़े मांगने पर उनके द्वारा बताया जाता है कि 35-36 एंबुलेंस परिचालन में है. लेकिन अगर इतने एंबुलेंस परिचालन में होते, तो क्या शहर के मरीजों को भी अस्पताल जाने के लिए अन्य संसाधनों का सहारा लेना पड़ता.
उठ रहे हैं ये सवाल
- जब दोनों गाडिय़ां सरकारी है और पश्चिमी चम्पारण जिले के लिए ही आवंटित हैं, तो गाड़ियों का नंबर बदलने की ऐसी कौन सी मजबूरी आ गई.
- गाड़ियों पर से दोनों साइड के नंबर प्लेट हटा, सिर्फ पीछे की बॉडी पर नंबर लिखना. क्या यह परिवहन विभाग का नियम हैं.
- लॉकडाउन या उसके पहले समय-समय पर गाड़ियों की जांच की जाती है. जिसमें आम पब्लिक की गाड़ी को छोटी सी त्रुटि पर भी जुर्माना भरना पड़ता है, ऐसे में सरकारी एंबुलेंसों पर नंबर ना रहने के एवज में प्रशासन ने क्या कभी फाईन की वसूली की है.
- सर्विस सेंटर या गेराज में जाने के साथ ही एंबुलेंसों पर से नंबर प्लेट हटा दिए जाते हैं. ऐसे में गाड़ी की बिलिंग मैकेनिक किस आधार पर करते है.
- जब आम पब्लिक को अपनी गाड़ियों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. तो ऐसे में सरकारी एंबुलेंसों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट क्यों नहीं है.
- नगर के छावनी सुप्रिया रोड, चेक पोस्ट, बरवत के साथ-साथ प्रखंड कार्यालय व मेडिकल कालेज परिसर में दर्जनों ऐसे एंबुलेंस खड़े हैं, जो या तो कबाड़ बन चुके हैं या कबाड़ बनने की कगार पर है. ऐसे भी उन सभी एंबुलेंसों के नंबर प्लेट के साथ छेड़छाड़ क्यों किया जाता है. जो एंबुलेंस रिजेक्ट हो चुके हैं उनके ऊपर उक्त एंबुलेंस के नंबर के साथ पेंट के माध्यम से रिजेक्ट क्यों नहीं लिख दिया जाता.
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